पंचायतों को 15वें वित्त आयोग के अनुदान की पहली किस्त जारी, 28 राज्यों को मिला 15,187.50 करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गांवों में रोजगार का मेगा प्रोग्राम ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ लॉन्च करने से पहले पंचायती राज संस्थाओं को 15वें वित्त आयोग के अनुदान की पहली किस्त जारी कर दी। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को मिली जानकारी के अनुसार, 15वें वित्त आयोग के अनुदान की पहली किस्त के रूप में पंचायतों को 15,187.50 करोड़ रुपये की राशि 28 राज्यों को दी गई है। बता दें आज यानी शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान को पीएम ने रिमोट द्वारा बिहार के खगड़िया जिले के ब्लॉक बेलदौर के गांव तेलिहार से लॉन्च किया।
कोरोना काल में शहरों से गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया करवाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं की विभिन्न योजनाओं में यह रकम खर्च की जाएगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बयान में कहा है कि वित्त वर्ष 2020-21 में पंचायतों को कुल 60,750 करोड़ रुपये का अनुदान मिलेगा, जो कि वित्त आयोग द्वारा किसी एक वर्ष में किया गया सबसे अधिक आवंटन है।
मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार की सिफारिश पर पहली बार पूर्वोत्तर राज्यों की परंपरागत इकाइयों को भी अनुदान दिया जा रहा है। पहली बार ग्राम पंचायतों के साथ ही ब्लॉक पंचायतों व जिला पंचायतों को भी अनुदान मिल रहा है। गांवों को खुले में शौच मुक्त करने व स्वच्छता बनाए रखने पर पंचायती राज संस्थाएं विशेष जोर दे रही है। इसके अलावा पेयजल की सुविधा और वर्षा जल संरक्षण के कार्यों को विशेष तवज्जो दिया जा रहा है।
वित्त वर्ष 2020-21 60,750 करोड़ रुपये तय
तोमर ने बताया कि पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 की अवधि के लिए अपनी जो अंतरिम रिपोर्ट सौंपी है, उसमें भारत सरकार ने स्थानीय निकायों के संबंध में सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं। आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 की अवधि के लिए अनुदान का कुल आकार 60,750 करोड़ रुपये तय किया है जो अब तक की सबसे बड़ी राशि है। तोमर ने बताया कि पंचायती राज मंत्रालय की सिफारिश पर 28 राज्यों की 2.63 लाख ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) के लिए, अनुदान के रूप में, 15,187.50 करोड़ रुपये की राशि वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई है।