पीएमश्री व सेंट्रल स्कूल में अब बडी सिस्टम, सीनियर बनेंगे जूनियर स्टूडेंट्स के मेंटर

बिलासपुर। नई शिक्षा नीति को देशभर में प्रभावी कर दिया गया है। शिक्षा के प्रति जागरुकता और बच्चों में अच्छी नींव डालने के लिए प्राइमरी स्कूल को बेहतर विकल्प माना जाता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस पर फोकस करना शुरू कर दिया है। देशभर के पीएम श्री और केंद्रीय विद्यालयों में अब दो तरह के नए और प्रभावी सिस्टम को लांच किया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन दो दीर्घकालिक योजनाओं का आने वाले दिनों में बेहतर और सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। बहरहाल केंद्रीय शिक्षा पश्चिम बंगाल के आईआईटी- खड़गपुर कैंपस में बडी व ईच वन रीच वन’ गुवाहाटी रीजन के सभी पीएम-श्री व केंद्रीय विद्यालयों में शुरू की गई है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर केंद्र सरकार से मानिटरिंग व सीधे हस्तक्षेप वो पीएमश्री व केंद्रीय विद्यालयों में की गई है। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पश्चिम बंगाल और असम के गुवाहाटी में इसकी शुरुआत की गई है। योजना का नाम दिया है पढ़ेंगे भी बढ़ेंगे भी। बडी सिस्टम और ईच वन रीच वन योजना के तहत कमजोर बच्चों को पढ़ाने और स्किल डव्लहपेंट का काम किया जा रहा है। इसमें सीनियर स्टूडेंट्स के अलावा टिचर्स भी सहयोग कर रहे हैं। कमजोर बच्चों के प्रतिभा को उभारने के लिए सीनियर स्टूडेंट्स मेंटर बन रहे हैं और पढ़ाई में सहयोग कर रहे हैं।

बडी सिस्टम के तहत सीनियर छात्र जूनियर छात्राें के मेंटर बनकर अध्ययन अध्यापन में सहयोग कर रहे हैं। स्किल डव्हलपमेंट की दिशा में भी काम कर रहे हैं। स्कूल कैंपस के अलावा बाहर की दुनिया में भी उनका पूरा ख्याल रख रहे हैं। ईच वन रीच वन योजना के तहत स्कूल के प्रिंसिपल व टीचर्स पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट्स को गोद ले रहे हैं। योजना में क्लास का बंधन नहीं रखा गया है। मसलन प्रिंसिपल और टीचर्स किसी भी क्लास के कमजोर बच्चे को गोद लेकर उसकी पढ़ाई का जिम्मा उठा सकते हैं। योजना का उद्देश्य साफ है, बच्चों के स्किल को उभारना,उनको पढ़ाई लिखाई में काबिल बनाना और आत्म विश्वास को जगाना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत लागू सभी प्रावधानों को पीएम श्री व केंद्रीय विद्यालयों में लागू कर दिया गया है। इसके बाद इसे प्रादेशिक स्तर पर शासकीय व प्राइवेट स्कूलों में लागू किया जाएगा। सीबीएसई पैटर्न के स्कूलों में बडी व ईच वन रीच वन योजना की शुरुआत जल्द की जाएगी।

ये होंगे फायदे

सीनियर जूनियर का फासला कम होगा। कमजोर बच्चों का स्किल बढ़ेगा।

उम्र का फासला कम होने से आपस में अपनी बातें एक दूसरे के बीच शेयर कर सकेंगे। अपना प्राब्लम बता सकेंगे।

बडी व ईच वन रीच योजना में स्कूल के सीनियर स्टूडेंट्स,प्रिंसिपल,टीचर्स के अलावा स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को भी शामिल किया जाएगा।

मेंटर अपने स्टूडेंट्स के शारीरिक से लेकर मानसिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करेंगे। खेल से लेकर पढ़ाई और सामान्य ज्ञान में भी दक्ष करेंगे।