रास्ता भटकने पर गूगल मैप का सहारा बना जानलेवा, अधूरे पुल से गिरी कार, तीन की मौत

फरीदपुर| बरेली-बदायूं सीमा पर फरीदपुर के खल्लपुर गांव के पास शनिवार देर रात 3:30 बजे निर्माणाधीन पुल से कार रामगंगा नदी में गिर गई। हादसे में कार सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। रविवार सुबह ग्रामीणों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। फरीदपुर और दातागंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और कार से शवों को बाहर निकाला। शुरुआती जांच में पता चला है कि तीनों युवक शादी में शामिल होने गुरुग्राम से बरेली के फरीदपुर जा रहे थे और रास्ता भटकने पर गूगल मैप देखकर निर्माणाधीन पुल पर चढ़ गए और हादसे का शिकार हो गए। जान गंवाने वाले चचेरे भाई विवेक चौहान उर्फ अजीत और कौशल उर्फ नितिन भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए बरेली के फरीदपुर जा रहे थे। कार में उनके साथ मैनपुरी के रहने वाले रिश्तेदार अमित भी थे। तीनों की मौत की सूचना परिजनों को हुई तो कोहराम मच गया। परिजन बरेली पहुंच गए हैं।

हादसा शनिवार देर रात 3:30 बजे का बताया जा रहा है। रविवार सुबह जब लोगों ने नदी में कार देखी तो फरीदपुर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने कार के नंबर और मृतकों के पास मिले कागज खंगाले। इसके बाद शिनाख्त हुई। सूचना पर पहुंचे परिजनों ने बताया कि अजीत और नितिन अपनी भतीजी सृष्टि की शादी में फरीदपुर जा रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि रात में तीनों रास्ता भटक गए और गूगल मैप की मदद ली। मैप के जरिये तीनों निर्माणाधीन पुल के मार्ग पर चले गए और कार पुल से नदी में जा गिरी और तीनों की मौत हो गई।

शादी की खुशियां दर्दनाक हादसे ने मातम में बदल दीं। घरवाले सृष्टि की डोली सजाने की तैयारी कर रहे थे और अचानक मनहूस खबर से घर में कोहराम मच गया। सुबह जब हादसे की सूचना मिली तो बदहवास परिजन घटनास्थल पर दौड़े। पोस्टमार्टम हाउस पर भी घरवाले बिलखते रहे।

फर्रुखाबाद के रहने वाले नितिन और अजीत की भतीजी सृष्टि की शादी फरीदपुर के पीतांबरपुर रेलवे स्टेशन के पास रहने वाले शिवचरन के बेटे से तय हुई थी। सृष्टि का परिवार गुरुग्राम में बोडसी जेल के पास रहता है। शादी समारोह का आयोजन फरीदपुर से ही होना था, ऐसे में सृष्टि का परिवार दो दिन पहले ही यहां आ गया था। परिवार राम-रहीम गेस्ट हाउस में रुका था। अजीत और नितिन सृष्टि की शादी में आ रहे थे।

मैनपुरी का रहने वाला अमित उनका दोस्त था और वह भी शादी समारोह में आमंत्रित था। ऐसे में एक ही गाड़ी से तीनों रात में गुरुग्राम से फरीदपुर के लिए रवाना हुए और रास्ते में कई बार परिवार से बातचीत भी हुई। परिजनों को सुबह जब हादसे का पता चला तो पूरे घर में रोना-पीटना मच गया।

घरवाले समझ ही नहीं पाए कि इतना बड़ा हादसा कैसे हो गया। दोपहर में जब पोस्टमार्टम के लिए तीनों के शव पहुंचे तो परिजनों और परिचितों की वहां भीड़ जुटी रही। जिस घर में शादी की तैयारी थी, खुशी का माहौल था, वहां मातमी सन्नाटा पसरा हुआ था।

रामगंगा नदी में कार कितने बजे गिरी, इस बाबत अंदेशा है कि घटना देर रात करीब 3:30 बजे की है। मौके पर जुटे किसानों ने बताया कि भोर के कुछ पहले तेज धमाके जैसी आवाज सुनाई दी थी। आशंका है कि उसी समय कार पुल से रामगंगा नदी में गिरी थी। सुबह जब पुल की तरफ लोग गए तो नदी में कार दिखी और पास ही खून फैला पड़ा था।

पुल का निर्माण अधूरा होने और आवागमन का साधन नहीं होने की वजह से घटनास्थल की तरफ लोगों का आनाजाना कम ही होता है। हादसे के पास जुटे लोगों ने कहा कि पुल अधूरा होने की वजह से वहां वाहनों की आवाजाही रोकने के लिए दीवार भी बनी थी लेकिन कुछ लोगों ने उसे तोड़ दिया था। ऐसे में बरोकटोक पुल तक पहुंचा जा सकता था। स्थानीय लोगों को तो पुल अधूरा होने का पता है लेकिन दूसरे शहर के लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से कार से शवों को बाहर निकाला।

कार के उड़ गए थे परखच्चे

वेगनार कार के परखच्च्चे उड़ गए थे। उसकी छत करीब एक फीट नीचे धंस गई थी। इससे ही हादसे का अंदेशा लगाया जा सकता है। करीब 25-30 फीट ऊपर से गिरी कार का पिछला हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में पुलिस को कार से शव निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

हादसे की सूचना मिलने पर खल्लपुर समेत आसपास के गांवों के सैकड़ों लोग जुट गए। घटनास्थल पर खासी भीड़ रही। खबर मिलने पर जब फरीदपुर पुलिस पहुंची तो रास्ता नहीं होने की वजह से नाव बुलाई गई। पुलिस नाव में सवार होकर घटनास्थल तक पहुंची। दूसरी तरफ से पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में दातागंज थाने की पुलिस भी पहुंच गई थी।

निर्माणाधीन पुल से कार गिरने की सूचना मिलने पर जब तब पुलिस पहुंचती, वहां सैकड़ों लोग जुट गए थे। हादसे के बारे में कई तरह के कयास लग रहे थे। करीब एक घंटे तक तो यही स्पष्ट नहीं हो सका कि आखिर निर्माणाधीन पुल की तरफ कार कैसे आ गई थी। पुल से लेकर नदी के किनारे तक, लोगों की भीड़ जुटी थी। घटनास्थल फरीदपुर थाना क्षेत्र का होने की वजह से पुलिस वहां पहुंची लेकिन आगे जाने के लिए रास्ता ही नहीं था। उसके बाद नाव बुलाई गई और तब कई टुकड़ी में फरीदपुर पुलिस घटनास्थल तक पहुंच सकी।

गुरुग्राम में अमित मीडिया बाईंड कंपनी में बतौर इंचार्ज काम करता था। यह सिक्योरिटी से जुड़ी कंपनी है। अजीत इसी कंपनी में फील्ड अफसर था। यहीं से दोनों में दोस्ती हुई थी। हादसे में मृतक नितिन कामर्शियल टैक्सी चलाता था। घटना के बाद जब तीनों की शिनाख्त होना कठिन हुआ तो पुलिस ने वेगनार कार के नंबर से छानबीन शुरू की। कार की नंबर प्लेट से साफ हो गया था कि वह कामर्शियल गाड़ी थी।

अधूरे पुल पर आवागमन रोकने के नहीं किए गए थे इंतजाम

रामगंगा नदी का रुख बदलने से बरेली को बदायूं से जोड़ने के लिए फरीदपुर के खल्लपुर गांव के पास बनाये गये पुल की एप्रोच रोड पिछले साल जुलाई में कट गई थी। इससे गांव और पुल के बीच नदी बहने लगी। दूसरी तरफ से पुल का मुहाना सीधे नदी की ओर खुल रहा है। प्रशासन ने पुल की शुरुआत में एक पतली दीवार बनवाई थी लेकिन उसे ग्रामीणों ने तोड़ दिया था। इसके बाद आवागमन बंद कराने के लिए प्रशासन ने कोई पहल नहीं की। गुरुग्राम से शादी समारोह में शामिल होने फरीदपुर आ रहे लोग गूगल मैप के सहारे इसी अधूरे पुल पर चढ़ गए और हादसे में तीनों की मौत हो गई।

फरीदपुर के खल्लपुर में रामगंगा नदी पर सेतु निगम ने वर्ष 2020 में पुल का निर्माण कराया था। फरीदपुर और बदायूं की दातागंज तहसील को जोड़ने के लिए यह पुल बनाया गया था। सेतु निगम ने 40 करोड़ रुपये खर्च कर 667 मीटर के इस पुल का निर्माण किया लेकिन इसकी एप्रोच रोड बनाने के लिए 2020 से 2023 तक हीलाहवाली होती रही।

लोगों की मांग पर पिछले साल फरवरी में पीडब्ल्यूडी ने खल्लपुर की ओर से करीब 2 किलोमीटर की एप्रोच रोड का निर्माण कराया लेकिन महज पांच महीने बाद ही जुलाई में रामगंगा नदी ने 200 मीटर तक एप्रोच रोड को काट दिया। इसके कारण पुल पर आवाजाही बंद हो गई थी। धीरे-धीरे नदी की धारा ने एप्रोच रोड को 500 मीटर और काट दिया। नदी ने अपनी धार खल्लपुर की ओर बदल ली। इसके बाद रामगंगा नदी करीब 1000 मीटर दूर खल्लपुर की ओर बढ़ गई और एप्रोच रोड कटती चली गई।

 

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