विषकन्याओं को लेकर अलर्ट पर सिस्टम, खुफिया इनपुट्स…राजनेताओं और अफसरों को किया जा सकता है ट्रेप…

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रायपुर। एक संवेदनेशील खबर आ रही है…छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद से कुछ मंत्रियों और अधिकारियों को ट्रेप करने की कोशिशें की जा रही हैं। निशाने पर सत्ताधारी पार्टी के नेता और सीनियर अफसर हैं।

इसके लिए रायपुर समेत कुछ बड़े शहरों में प्लांड वे में कुछ हनी गर्ल को सक्रिय किया गया है। इनमें कुछ बाहर की है और कुछ लोकल भी। हनी गर्ल अपनी खूबसूरती और लटके-झटके के जाल में नेताओं और अधिकारियों को फंसाने की कोशिशें कर रही हैं। इस बारे में कुछ शिकायतें भी उपर तक पहुंची है। इसके बाद सिस्टम हरकत में आया। खुफिया इनपुट्स ने भी सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी है। खुफिया रिपोर्ट में भी इस बात का संकेत दिया गया है कि कुछ बड़े वीआईपी को ट्रेप कर राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचाई जा सकती है।

रिपोर्ट्स के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार के कुछ मंत्रियों के यहां हनी गर्ल मंडरा रही हैं। टाईम-बेटाईम कुछ हनी बालाएं मंत्रियों से मिलने उनके बंगले पहुंच जा रही हैं। यही हाल अधिकारियों का भी है। उपर से आए निर्देश के बाद राजधानी के एक अधिकारी ने अब से कुछ देर पहले एक हनी गर्ल को यह कहते हुए ज्यादा देर बैठने से मना कर दिया कि एलआईबी की नजर है….आप कुछ दिन मत आओ इधर।

खुफिया विभाग से जुड़े सूत्र इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बोल रहे मगर इशारे में बताया कि सिस्टम किसी भी मसले को लेकर हमेशा चौकस रहता है। खुफिया विभाग की टीम सभी जगहों पर नजर रखती है।

पता ये भी चला है, उपर से निर्देश है कि सरकार की छबि धूमिल होने से बचाने विशेष सतर्कता बरती जाए। दरअसल, नेताओं और मंत्रियों से काम कराने के लिए कुछ आरगेनाइजेशन महिला प्रतिनिधियों को आगे कर दिया है।

इनमें ऐसा नहीं कि सभी गलत हो। मगर इनकी आड़ में कुछ विषकन्याएं अपना खेल दिखाने की कोशिश कर रही हैं। इस चक्कर में कुछ अधिकारी बुरी कदर चर्चाओं में हैं। दो मंत्री भी विषकन्याओं के राडार पर हैं। रायपुर के एक चर्चित विजनेस मैन कम माफिया विषकन्याओं को लेकर मंत्रियों के यहां घुमा रहे हैं। इसलिए, खुफिया विभाग के अफसर सतर्क हैं।

सरकार में उच्च पदों पर बैठे अफसरों को भी खुफिया इनपुट्स की खबर है। खुफिया विभाग इस बारे में कोई भी सजग है। दरअसल, कोई दुर्घटना घटे, इसके पहले ही अगर आदमी सावधान हो जाए तो फिर दिक्कत नहीं होती।

छत्तीसगढ़ में हर साल करीब 25 हजार करोड़ का सप्लाई होता है। डीएमएफ आने के बाद तो इसमें और भी इजाफा हो गया है। डीएमएफ के मालिक कलेक्टर होते हैं। कई जिलों में सैकड़ों करोड़ का डीएमएफ है। काम कुछ होता नहीं, कागजों में बिलिंग हो जाती है। डीएमएफ की सप्लाई के बारे में छत्तीसगढ़ देश में चर्चा में है। मेट्रोज सिटी से लोग सप्लाई के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ एनजीओ का भी बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडू जैसे बड़े और विकसित राज्यों से ज्यादा एनजीओ छत्तीसगढ़ में काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों को भी एनजीओ को काम देना सुहाता है। क्योंकि, एनजीओ का उपकृत करने का अंदाज अलग होता है।