हाई कोर्ट ने 5 आईएएस अफसरों को जारी किया नोटिस, होगा आरोप तय, जानिये.. क्या है मामला


बिलासपुर| छत्तीसगढ़ राज्य सहकारिता विभाग के संयुक्त पंजीयक सुनील तिवारी ने एक जीवित पत्नी के रहते किया दूसरा विवाह। शिकायत हुई, फिर हाईकोर्ट के आदेश पर भी विभागीय अफसरों ने कार्यवाही नहीं किया। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांच IAS अफसरों के विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी कर जवाब माँगा है.

सुनील तिवारी तत्कालीन संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर संभाग बिलासपुर (छ.ग.) के विरुद्ध एक जीवित पत्नी के रहते द्वि-विवाह किये जाने के कारण उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच संस्थित किये जाने की गंभीर शिकायत बाबत।
25.10.2020 को शिकायतकर्ता विनय शुक्ला बिलासपुर निवासी के द्वारा कुछ इस तरह शिकायत सहकारिता विभाग को प्रेषित किया गया था|
सुनील तिवारी तत्कालीन संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं बिलासपुर संभाग के द्वारा सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 22 के उल्लंघन में एक पत्नी के जीवित अवस्था में दूसरा विवाह बिना शासन के मंजूरी के किया गया है और पुत्र उत्पन्न भी किया गया है, साथ ही उसके द्वारा विधि के प्रत्यक्ष निर्देश की जानबूझकर अवज्ञा किये जाने के कारण भारतीय दण्ड विधान की धारा 166, 420, 34 एवं अन्य धाराओं के तहत अपराध किया गया। अतः अपचारी अधिकारी को निलंबित किया जाए एवं विभागीय जांच कर उसे बर्खास्त कर, उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण भी दर्ज कराया जाए।
विभागीय IAS अधिकारियों की आपसी मिलीभगत के कारण शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर कोई प्रभावी कार्यवाही न होने के कारण दिनांक 27.07.2021 को शिकायतकर्ता द्वारा उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल किया गया, जिस पर 29.09.2023 क. कोर्ट ने सुनील तिवारी संयुक्त पंजीयक सहकारिता विभाग के विरुद्ध इस मामले की 6 माह के भीतर जांच किए जाने के आदेशजारी किया है|
हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में शिकायतकर्ता द्वारा विभाग को प्रेषित कर निवेदन किया गया कि सुनील तिवारी तत्कालीन संयुक्त पंजीयक सहकारिता विभाग बिलासपुर डिवीजन के विरुद्ध द्वि-विवाह किये जाने के कारण आचरण नियम 22 का उल्लंघन साशय उल्लंघन किये जाने के कारण अपराध घटित होने से उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर 6 माह के भीतर विभागीय जांच (अंतर्गत नियम 14 छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण अपील नियम 1966) किया जाकर समुचित कार्यवाही किया जाए. किंतु IAS अधिकारीगण के द्वारा जांच कार्यवाही नहीं किया गया, ना ही निलंबित किया गया। बल्कि इस मामले में उन IAS अधिकारियों के द्वारा हाई कोर्ट के आदेश की अवज्ञा की गई है|
IAS अधिकारियों के द्वारा जहां एक ओर स्पष्टत: उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना किया गया, वहीं एक ओर भारतीय न्याय संहिता के तहत अपराध भी कारित किया गया है। जिस पर शिकायतकर्ता ने IAS अधिकारियों को लीगल नोटिस भी जारी किया। इसके बावजूद भी इनके द्वारा कोई उत्तर नहीं दिया गया।
शिकायतकर्ता ने अधिवक्ता संतोष कुमार पाण्डेय के माध्यम से 12. 9.2024 को पांच IAS अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना याचिका दाखिल किया।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एनके व्यास ने 5 IAS अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. कोर्ट ने कहा कि क्यों ना आप लोगों के विरुद्ध इस मामले में न्यायालयीन अवमानना अधिनियम 1971 के तहत कार्यवाही संस्थित करने हेतु आरोप तय किए जायें.
IAS अफसर , जिनके विरुद्ध अवमानना नोटिस जारी हुआ
हिमशिखर गुप्ता ias तत्कालीन सचिव सहकारिता
सीआर प्रसन्ना ias वर्तमान सचिव सहकारिता
रमेश शर्मा तत्कालीन ias पंजीयक सहकारिता
दीपक सोनी ias तत्कालीन पंजीयक सहकारिता
कुलदीप शर्मा ias वर्तमान पंजीयक सहकारिता