सेबी ने निवेश सलाहकार नियमों में संशोधनों को किया अधिसूचित

नई दिल्ली । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेश सलाहकार नियमों में संशोधन को अधिसूचित किया। यह तीन महीने बाद प्रभाव में आएगा और यह अन्य बातों के अलावा कंपनियों के परामर्श तथा उत्पाद वितरण गतिविधियों को अलग करेगा। नियामक ने सेबी (निवेश सलाहकार) नियमन, 2013 में संशोधन को अधिसूचित करते हुए कहा कि इस कदम का मकसद निवेश सलाहकारों के लिए नियामकीय रूपरेखा को सुदृढ़ करना है। सेबी ने कहा ‎कि ये संशोधन राजपत्र में प्रकाशित होने के 90वें दिन अमल में आएगा। इसमें किए गए संशोधन के तहत अब निवेश सलाहकारों को ग्राहकों के स्तर पर परामर्श और वितरण गतिविधियों को अलग करना होगा ताकि हितों का टकराव नहीं हो। इसके अलावा कंपनी स्तर पर निवेश परामर्श और वितरण सेवाएं देने वाली इकाइयां स्वतंत्र तरीके से काम करेंगी। संशोधन के तहत गैर-व्यक्तिगत यानी कंपनी स्तर पर निवेश परामर्शदाता के रूप में पंजीकरण के लिए नेटवर्थ आवश्यकता को बढ़ाकर 50 लाख रुपए और व्यक्तियों के मामले में 5 लाख रुपए कर दिया गया है। वर्तमान में यह व्यक्तियों के मामले में निवेश सलाहकार के रूप में पंजीकरण के लिए एक लाख रुपए का नेटवर्थ होना चाहिए, जबकि कंपनी के स्तर पर 25 लाख रुपए। सलाहकार गतिविधियों के मामले में बेहतर पारदर्शिता के लिए संशोधन में कहा गया है कि निवेश सलाहकार और ग्राहक के बीच अनिवार्य रूप से समझौता करना होगा। व्यक्तिगत तौर पर किसी को भी एक निवेश सलाहकार के तौर पर पंजीकृत होने और वितरक के तौर पर वितरण सेवाएं देने का विकल्प होगा।

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