CGPSC घोटाला मामला: CBI ने अब तक 7 लोगों को किया गिरफ्तार, 5 आरोपियों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा गया जेल
रायपुर। CGPSC घोटाला मामले में सीबीआई ने आज 5 आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. सभी को 15 जनवरी तक ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया. इस मामले में गिरफ्तार श्रवण कुमार गोयल और टामन सोनवानी की न्यायिक रिमांड खत्म होने पर 15 को पेश होंगे. इसी दिन इन 5 आरोपियों को भी पेश किया जाएगा. इसके बाद सभी की एक ही पेशी डेट चलेगी, क्योंकि सभी की गिरफ्तारी एक ही अपराध में दर्ज FIR में हुई है.
आज सीबीआई ने CGPSC के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को कोर्ट में पेश किया. तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को भी पेश किया गया, जहां सभी को 15 जनवरी तक ज्यूडिशियल कस्टडी में जेल भेजा गया. बता दें कि टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नीतेश सोनवानी का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर चयन हुआ है. वहीं साहिल सोनवानी का DSP के पोस्ट पर सलेक्शन हुआ है. इसके अलावा बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार दोनों का डिप्टी कलेक्टर के पोस्ट पर चयन हुआ है.
बता दें कि डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/साक्षात्कार में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में सीबीआई अब तक सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उनके भतीजे नीतेश सोनवानी, साहिल सोनवानी, बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल और उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार को गिरफ्तार कर चुकी है.
ये है पूरा मामला
CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.