हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा- हाई कोर्ट सिम्स की निरंतर करता रहेगा मानिटरिंग
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बड़े मेडिकल अस्पताल सिम्स की अव्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका की सुनवाई हो रही है। सोमवार को हेल्थ सिकरेट्री ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया। जवाब में सिम्स की व्यवस्था को लेकर आश्वस्त करने के साथ ही जरुरी संसाधन जुटाने की बात कही है। हेल्थ सिकरेट्री के जवाब के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि हाई कोर्ट सिम्स की मानिटरिंग करते रहेगा। सिम्स की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नरों को भी अपना काम करते रहने का निर्देश डिवीजन बेंच ने दिया है। जनहित याचिका की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।
सिम्स की बदहाली को लेकर मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी। मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रजिस्ट्रार जनरल को इसे जनहित याचिका के रूप में रजिस्टर्ड करने का निर्देश दिया था। प्रारंभिक सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने हेल्थ सिकरेट्री को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था। साेमवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान हेल्थ सिकरेट्री ने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश किया। कोर्ट ने हेल्थ सिकरेट्री द्वारा पेश की गई जानकारी को रिकार्ड में लेने का निर्देश दिया।
डीविजन बेंच में सुनवाई के दौरान सीजीएमएससी के अधिवक्ता ने कहा था कि सिम्स मेडिकल कालेज के डीन के पास 95 लाख का फंड रखा हुआ है। दवा खरीदी और अन्य जरूरतों के लिए इस राशि का इस्तेमाल किया जा सकता है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कलेक्टर बिलासपुर ने शपथ पत्र पेश कर बताया था कि, शासन की ओर से सिम्स की व्यवस्था को सुधारने के लिए जरुरी उपाय किए जा रहे हैं।