ACS मनोज पिंगुआ की अध्यक्षता में बनी मुख्य सूचना आयुक्त स्क्रूटनी कमेटी, बजट सत्र में नए सीआईसी का चयन…


रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले तीन साल से खाली मुख्य सूचना आयुक्त के चयन की कवायद तेज कर दी है। राज्य सूचना आयोग के इस सबसे बड़े पद के लिए आए 58 आवेदनों की स्कू्रटनी के लिए एसीएस स्तर के आईएएस की अध्यक्षता में चार सचिवों की कमेटी गठित कर दी है।
स्क्रूटनी कमेटी में मनोज पिंगुआ के अलावा प्रमुख सचिव पंचायत निहारिका बारिक, प्रमुख सचिव आदिवासी विभाग सोनमणि बोरा और सचिव सामान्य प्रशासन विभाग अविनाश चंपावत शामिल हैं।
सर्च कमेटी को कहा गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त के प्राप्त आवेदनों के संबंध में मापदंड तय कर, परीक्षण कर अपनी अनुशंसा दें। इस कमेटी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तारतम्य में बनाया गया है, जिसमें अंजलि भारद्वाज की याचिका पर कोर्ट ने माना था कि सीआईसी के लिए आए आवेदनों की उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर उसकी स्कूट्रनी कराई जाए। उसके बाद नियुक्ति की औपचारिका की जाए।
मुख्य सूचना आयुक्त के चयन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी होती है, जिसमें मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष शामिल होते हैं। विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से प्रारंभ होने जा रहा है। इसमें मुख्यमंत्री भी रहेंगे और नेता प्रतिपक्ष भी। संकेत हैं कि इसी सत्र में किसी दिन कमेटी नए मुख्य सूचना आयुक्त के नाम पर मुहर लगा देगी। वैसे,राज्य सरकारें जो चाहती है, वहीं होता है।
मुख्य सूचना आयुक्त के लिए चीफ सिकरेट्री अमिताभ जैन, निवर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा, पूर्व मुख्य सचिव आरपी मंडल और पूर्व डीजीपी डीएम अवस्थी, वर्तमान सूचना आयुक्त नरेंद्र शुक्ला, रिटायर आईएएस उमेश अग्रवाल, संजय अलंग, पूर्व सूचना आयुक्त मनोज त्रिवेदी समेत 58 लोगों ने आवेदन किया है।
राज्य सरकार ने दिसंबर में अचानक मुख्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन मंगाया, उससे समझा गया कि मुख्य सचिव अमिताभ जैन को इस पद पर बिठाया जाएगा। हालांकि, जुनेजा, मंडल और अवस्थी भी कमजोर नहीं हैं, मगर सीटिंग चीफ सिकरेट्री का वजन अलग रहता है।
जिस तरह सरकार ने मुख्य सूचना आयुक्त चयन की प्रक्रिया तेज की है, उससे लगता है कि बजट सत्र के बाद राज्य सरकार अमिताभ जैन को सीआईसी बनाकर उनकी जगह रेणु पिल्ले, ऋचा शर्मा या मनोज पिंगुआ में से किसी को मुख्य सचिव का दायित्व सौंप देंगी। हालांकि, अमिताभ जैन का कार्यकाल 30 जून तक है। उन्होंने मुख्य सचिव के तौर पर नवंबर में चार साल पूरा कर लिया था। सीएस के रूप में चार साल को क्रॉस करने वाले अमिताभ छत्तीसगढ़ के पहले मुख्य सचिव हैं। इसलिए, बजट सत्र के बाद उन्हें बदल भी दिया जाएगा, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी।