फर्जी सिम कार्ड बेचने वाले गैंग का  पदार्फाश: 5 गिरफ्तार, साइबर ठगों को उपलब्ध करवाते थे फर्जी सिम

बिलासपुर। पुलिस ने ऑनलाइन साइबर फ्रॉड के लिए फर्जी सिम कार्ड देने वाले 5 पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) एजेंटों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। ये आरोपी दिल्ली, अलवर (राजस्थान) समेत अन्य स्थानों पर साइबर ठगों को फर्जी सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे. पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ धारा 66-आईएनएफ 316(5), 318(4), 336(3)-बीएनएस के तहत कार्रवाई की है। बता दें कि इससे पहले साइबर ठगी में कमीशन पर बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले बैंक कर्मियों और एजेंटों सहित 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

अब पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंटों को गिरफ्तार किया है. डीशनल एसपी अर्चना झा ने बताया कि एसपी रजनेश सिंह ने साइबर क्राइम पोर्टल में रिपोर्ट किए गए पीओएस एजेंटों की जांच के लिए योजना तैयार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पीओएस एजेंटों को चिन्हित किया गया, तो पता चला कि कोटा क्षेत्र के कुछ लोग आमजन की आईडी पर एक से अधिक सिम कार्ड जारी करवाकर साइबर ठगों को दिल्ली, अलवर, राजस्थान और अन्य स्थानों में भेज रहे हैं तथा साइबर ठगी के रैकेट में शामिल होकर अवैध मुनाफा कमा रहे हैं. जांच में संदिग्ध पाए गए बैंक खातों म्यूल अकाउंट की भी जांच की गई.

जांच में पाया गया साइबर ठगी के लिए फर्जी सिम कार्ड भी जारी किए गए हैं. जिस सिम कार्ड का साइबर ठग डिजिटल अरेस्ट शेयर ट्रेडिंग फ्रॉड, केवाईसी अपडेट जैसे साइबर अपराध में उपयोग करते थे.पुलिस ने कोटा क्षेत्र में दबिश देकर 5 पीओएस एजेंट को गिरफ्तार कर लिया, और उनके खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई है. गिरफ्तार आरोपियों में-अंशु श्रीवास (19 वर्ष), निवासी पथर्रा, थाना कोटा, बिलासपुर. फिरोज अंसारी (19 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर. मुकुल श्रीवास (21 वर्ष), निवासी फिरंगीपारा, थाना कोटा, बिलासपुर. द्वारिका साहू (23 वर्ष), निवासी वार्ड नं. 10, डाक बंगलापारा, थाना कोटा, बिलासपुर. जय पालके (20 वर्ष), निवासी नवागांव कोटा, थाना कोटा, बिलासपुर बताया गया है।