इंडीज के विरुद्ध पहले टेस्ट से बाहर होने के बाद संन्यास लेने का विचार करने लगे थे स्टुअर्ट ब्रॉड
लंदन । इंग्लैंड के धुरंधर गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच से बाहर होने के बाद कहा कि मैं हताशा और निराशा से भर गया था। दरअसल उन्होंने टीम से बाहर होने के बारे में सपने में भी नहीं सोचा था, मगर हकीकत में ऐसा होने पर वह टूट गए थे, जिसके बाद वह अपने करियर का बड़ा कदम उठाने वाले थे, जो उनकी जिंदगी का भी बड़ा कदम साबित होता। ब्रॉड ने खुलासा किया कि पहले टेस्ट से बाहर होने के बाद वह संन्यास लेने का विचार करने लगे थे। उनके दिमाग में पूरी तरह से संन्यास के विचार हावी हो गए थे। हालांकि वेस्टइंडीज के खिलाफ बाकी के बचे दो मैच में उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 500 विकेट पूरे किए। ब्रॉड ऐसा करने वाले दुनिया के सातवें टेस्ट गेंदबाज बने। ब्रॉड ने कहा कि वह काफी निराश हो गए थे। वह कभी भी इतना निराश नहीं हुए थे। ब्रॉड ने कहा कि इससे पहले भी वह टीम से बाहर हुए थे, मगर इतना खराब नहीं लगा था और कभी बहस भी नहीं की। ब्रॉड ने कहा कि इस बार जब पहले टेस्ट के कप्तान बेन स्टोक्स ने उन्हें बताया कि वो पहले टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं तो उनका पूरा शरीर हिल गया था। इस अनुभवी गेंदबाज ने कहा कि वो काफी कम बोलते हैं और उन्हें खेलने की उम्मीद थी और उन्हें लगता है कि वो खेलने के हकदार थे। ब्रॉड ने कहा कि 10 साल पहले की तुलना में वह अब ज्यादा अच्छे खिलाड़ी बन गए हैं और अब उनकी नजर 600 विकेट पर है।