फॉस्टेक के तहत प्रशिक्षण अनिवार्य, मध्यान्ह भोजन से जुड़े 1500 रसाइयों ने ली खाद्य सुरक्षा की ट्रेनिंग

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रायपुर। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI), नई दिल्ली के निर्देशानुसार समस्त खाद्य कारोबारकर्ताओं के लिए “फॉस्टैक” (FoSTaC – Food Safety Training and Certification) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है। वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 5442 खाद्य कारोबारकर्ताओं को फॉस्टैक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े लगभग 1500 रसोईयो  को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु देशभर में एफएसएसएआई द्वारा 221 प्रशिक्षण साझेदारों को अधिकृत किया गया है, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से खाद्य कारोबार कर्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। इस प्रशिक्षण के माध्यम से उन्हें खाद्य भण्डारण, भोजन पकाने के स्थानों की सफाई एवं संपूर्ण स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखने के बारे में जानकारी दी गई, जिससे परोसे गए भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

फॉस्टैक प्रशिक्षण का प्रमुख उद्देश्य एक ऐसे प्रशिक्षित खाद्य सुरक्षा पर्यवेक्षकों का समूह तैयार करना है, जो ‘खाद्य सुरक्षा और मानक विनियम, 2011’ की अनुसूची 4 के अनुसार स्वच्छता और अच्छी निर्माण प्रथाओं का पालन सुनिश्चित कर सके। प्रशिक्षण पूर्ण करने पर संबंधित खाद्य संचालकों को प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, जिसकी वैधता सामान्यतः दो वर्षों की होती है, बशर्ते व्यवसाय की प्रकृति में कोई परिवर्तन न हो।

भविष्य की योजना
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा आगामी महीनों में 5000 अतिरिक्त खाद्य कारोबारकर्ताओं और रसाइयों को ब्लॉक एवं जिला स्तर पर फॉस्टैक प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह पहल राज्य में खाद्य सुरक्षा के मानकों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।