50 टीआई को DSP बनाने आज डीपीसी, पद न होने पर सभी को प्रमोट करने सरकार ने ऐसे निकाला रास्ता

mahanadibahwan

रायपुर। छत्तीसगढ़ में टीआई को उप पुलिस अधीक्षक पद पर प्रमोशन देने के लिए आज 14 मई को डीपीसी याने विभागीय प्रमोशन कमेटी की बैठक होने जा रही है। पीएससी में दोपहर बाद यह बैठक होगी। इसमें पीएससी चेयरमैन, एसीएस होम और डीजीपी मौजूद रहेंगे।

बता दें, टीआई का कई साल से प्रमोशन नहीं हुआ था। इसके लिए पिछली सरकार से प्रयास चल रहा था। असल में, प्रमोशन में दिक्कत यह थी कि पद कम था और संख्या अधिक। कई साल से प्रमोशन नहीं हुआ था, इसलिए संख्या लगातार बढ़ती गई और पदोन्नति हुई नहीं। प्रदेश में डीएसपी के प्रमोशन वाले 25 पद खाली हैं और संख्या 50 थी। राज्य सरकार ने इसका रास्ता निकाला। मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृह विभाग ने सांख्येत्तर पदों की स्वीकृति के लिए वित्त विभाग को नोटशीट भेजी। वित्त ने इसे हरी झंडी दे दी।

सांख्येत्तर पद का मतलब यह होता है कि सरकार इसे वन टाईम के लिए स्वीकृति देती है। इन अफसरों के रिटायर होते ही यह पद स्वयमेव समाप्त हो जाएगा। इसे यूं समझिए कि पद से अधिक दावेदार रहने पर सबको नैसर्गिक अधिकार प्रदान करने का यह तरीका निकाला गया है।

आज डीपीसी के बाद समझा जाता है कि हफ्ते-दस दिन में प्रमोशन का आदेश निकल जाएगा। इसके साथ पोस्टिंग भी हो जाएगी। पोस्टिंग के लिए अभी से जोर-आजमाइश प्रारंभ हो गई है। वैसे डीपीसी के बाद बैठक का मिनिट्स गृह विभाग के साथ ही सारे सदस्यों के पास दस्तखत के लिए जाएगा। इसमें महिला, ओबीसी, अनुसूचित जाति, जनजाति समेत बड़ी संख्या में सदस्य होते हैं। जाहिर है, सभी के घर बैठक को मिनिट्स भेजकर साइन कराने में वक्त लगेगा।

इसके बाद फिर पीएससी प्रमोटेड अधिकारियों की लिस्ट गृह विभाग को भेजेगा। फिर गृह मंत्री से होते मुख्यमंत्री तक नोटशीट जाएगी। इसमें दो तरह से चीजें होती है। पहला, गृह विभाग पहले प्रमोशन की फाइल भेजता है मुख्यमंत्री को। प्रमोशन को हरी झंडी मिलने के बाद पोस्टिंग की नोटशीट जाती है। और दूसरा…प्रमोशन के साथ ही पोस्टिंग का प्रस्ताव भी एक साथ मुख्यमंत्री को भेज दिया जाता है। मगर ये उप पुलिस अधीक्षकों का मामला है, प्रेशर भी काफी है, इसलिए समझा जाता है कि पहले प्रमोशन की नोटशीट मुख्यमंत्री को भेजी जाएगी, उसके बाद फिर पोस्टिंग की।

बहरहाल, टीआई के प्रमोशन के बाद प्रदेश में उप पुलिस अधीक्षकों की संख्या एक साथ 50 बढ़ जाएगी। इससे गृह विभाग के पास अब पोस्टिंग के दौरान खासा विकल्प रहेगा।