छत्तीसगढ़ में EWS आरक्षण नहीं, हाई कोर्ट ने राज्य शासन से मांगा जवाब…


बिलासपुर। राज्य की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने हेतु राज्य सरकार को आदेश दिए जाने की मांग की। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इसके लिए चार सप्ताह की मोहलत दी है.

पुष्पराज सिंह एवं अन्य ने अधिवक्ता योगेश चंद्र के माध्यम से हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने सवर्ण तबके के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण प्रदान करने हेतु 10% आरक्षण देने का प्रावधान किया है। जिसके लिए भारत के संविधान में 12 जनवरी 2019 को संशोधन किया गया। जिसके अनुसार सरकारी नौकरियां एवं शैक्षणिक संस्थानों में सवर्ण वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10% आरक्षण प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार की नौकरियों में एवं शैक्षणिक संस्थानों में यह लागू हो गया है, पर छत्तीसगढ़ राज्य में लागू नहीं हुआ है। जिसे लागू करने हेतु याचिका में मांग की गई है।
रिट पिटीशन में बताया गया है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए आरक्षण अन्य राज्यों में लागू किया गया है तथा सार्वजनिक रोजगार में 10% आरक्षण दिया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में यद्यपि छत्तीसगढ़ लोक सेवा अध्यादेश –2019 पाली लागू किया जा चुका है पर अब तक दस प्रतिशत ईडब्लूएस आरक्षण प्रदान नहीं किया गया है।
12 जनवरी 2019 को भारत के संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में किए गए संशोधन में राज्य सरकार को ईडब्ल्यूएस श्रेणी को 10% आरक्षण देने के लिए शक्ति प्रदान किया गया है। 19 जनवरी 2019 को भारत संघ में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10% आरक्षण प्रदान करने का आदेश जारी कर दिया है। इसके बाद चार सितंबर 2019 को छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा जारी अध्यादेश तथा लोक सेवा संशोधन अध्यादेश की धारा 4 के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण देने का प्रस्ताव किया गया था। इस बारे में 29 अप्रैल 2024 को याचिका कर्ताओं के द्वारा अभ्यावेदन भी दिया जा चुका है।
जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई में भारत के संविधान में ईडब्लूएस आरक्षण प्रदान करने के लिए किए गए संशोधन के आधार पर राज्य सरकार को ईडब्ल्यूएस श्रेणी का आरक्षण प्रदान करने हेतु निर्देशित करने के लिए मांग करते हुए कहा गया है कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश समेत भारत के अन्य राज्यों में भी से लागू किया गयाहै। अतः छत्तीसगढ़ राज्य में भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान किया जाए। सुनवाई के बाद राज्य सरकार से अदालत ने चार सप्ताह में जवाब मांगा है। जवाब आने के दो सप्ताह के भीतरयाचिकाकर्ता को रिजॉइंडर पेश करना होगा.