1. विगत 15 दिवसों में निलंबन से बहाल किये गये शिक्षकों की जानकारी तीन दिवस में प्रेषित करें तथा बहाली का सुस्पष्ट कारण भी प्रस्तुत करें।
2. ऐसे विद्यालय जहां शिक्षक अतिशेष नहीं हैं, परन्तु दर्ज संख्या के अनुसार अतिशेष निकलने की स्थिति रहती यदि दर्ज संख्या (यथा प्राथमिक विद्यालय में दर्ज संख्या 61 से 65 या पूर्व माध्यमिक में 105 से 110 दर्शायी गई है। इस तरह के समस्त विद्यालयों का बारीकी से परीक्षण करें।
3. विकासखण्ड स्तरीय समिति से प्रत्येक विद्यालय की दर्ज संख्या की जानकारी 31 मार्च की स्थिति में तथा कार्यरत शिक्षकों की नाम सहित जानकारी लेवें।
4. सभी जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि अध्यापन व्यवस्था हेतु संलग्न शिक्षकों को मूल शाला में दर्शाया गया है कि नहीं।
5. सभी जिला शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि किसी भी कार्यालय में संलग्न शिक्षकों को मूल
पदस्थ शाला में मानते हुए गणना में लेना है।
6. आश्रम शाला के अधीक्षक की गणना मूल शाला में ही की जाये।
7. विकासखण्ड स्तरीय समिति से प्राप्त रिक्त पदों का मिलान कर लेवें।
8. शिक्षक विहीन, एकल शिक्षकीय एवं जहां शिक्षकों की आवश्यकता अधिक है, ऐसे विद्यालयों का भी परीक्षण कर लेवें।
9. पूरी प्रकिया का पारदर्शिता से पालन सुनिश्चित करें तथा दोषी पाये जाने वाले अधिकारी/कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही प्रस्तावित करें।
सभी जिला शिक्षा अधिकारी एवं संभागीय संयुक्त संचालक की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की त्रुटि ना हो।