ढाई साल के मासूम को आवारा कुत्ते ने नोंच-नोंचकर किया घायल, परिजनों का हाल बेहाल


भिलाई। ढाई साल के एक मासूम को आवारा कुत्ते ने नोंच नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह खौफनाक मामला भिलाई-3 के गांधी नगर वार्ड में सामने आया है। कुत्ते के काटने से घायल मासूम शिवांश की हालत देखकर उसके पिता विनोद धुरी और माता रीता धुरी का रो रोकर बुरा हाल है। इस घटना ने नगर निगम भिलाई-चरोदा के आवारा कुत्तों के बधिया करण को लेकर किए जा रहे दावे की पोल खोलकर रख दी है।

गांधी नगर भिलाई-3 निवासी विनोद धुरी का ढाई वर्षीय बेटा शिवांश बुधवार को शाम को घर के पास गली में खिलौने वाली तीन चकिया गाड़ी चलाकर खेल रहा था। इसी दौरान एक आवारा कुत्ते ने उस पर हमला बोल दिया। कुत्ते के अचानक हमला बोलने से शिवांश अपनी खिलौना वाली गाड़ी से गिर पड़ा। उसके गिरते ही कुत्ता उसे नोंचने लगा। मासूम के चिल्लाकर रोने की आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाला एक शख्स डंडा लेकर आया और कुत्ते को भगाया। लेकिन तब तक कुत्ता शिवांश को नोंच नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर चुका था। कुत्ते ने शिवांश के शरीर के कईं हिस्से में काटा है। जिससे उसके कपड़े खून से सन गए।
कुत्ते के काटने से मासूम बेटे की दयनीय हालत देखकर पिता विनोद और उसकी मां रीता धुरी अपने आंसू नहीं रोक सके। तुरंत उसे स्थानीय निजी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से उपचार के बाद बच्चे को घर लेकर आ गए। इस घटना के बाद से मासूम शिवांश बेहद डरा हुआ है। घर के बाहर किसी कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनकर वह सहम जा रहा है। उसकी ऐसी हालत देखकर उसके माता पिता के साथ साथ पड़ोसियों में भी नगर निगम के आवारा कुत्तों की धरपकड़ और बधिया करण के प्रति कायम उदासीनता को लेकर जमकर नाराजगी देखी जा रही है।
गांधी नगर वार्ड के पूर्व पार्षद लावेश मदनकर ने कहा है कि मासूम शिवांश धुरी के साथ हुई घटना ने नगर निगम प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। उन्होंने बताया कि अप्रैल महीने में आयोजित सुशासन शिविर में उनके द्वारा आवारा मवेशी, सुअर और आवारा कुत्तों को शहर से मुक्त किए जाने की मांग रखते हुए आवेदन दिया था। जिसका जवाब नगर निगम की ओर से उन्हें 25 अप्रैल को दिया गया है। निगम प्रशासन ने जवाबी पत्र में आवश्यकतानुसार काउकेचर से मवेशियों को हटाने और आवारा कुत्तों के बधिया करण किए जाने की जानकारी देकर एक तरह से पल्ला झाड़ लिया। अगर आवारा कुत्तों का बधिया करण हो रहा है तो फिर उनकी संख्या लगातार कैसे बढ़ रही है। आखिर शिवांश के साथ जो हुआ उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।