छत्तीसगढ़ के MD/MS उत्तीर्ण चिकित्सकों की बॉन्ड पोस्टिंग में देरी को लेकर आक्रोश, तत्काल कार्रवाई की मांग



रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के शासकीय मेडिकल कॉलेजों से MD/MS (स्नातकोत्तर) उत्तीर्ण चिकित्सकों की बॉन्ड पोस्टिंग में अत्यधिक विलंब को लेकर चिकित्सकों में गहरा असंतोष व्याप्त है। मार्च 2025 में परिणाम घोषित होने के बावजूद जून 2025 तक पोस्टिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, जिससे सैकड़ों योग्य चिकित्सक बेरोजगारी और आर्थिक संकट झेल रहे हैं।

प्रमुख मुद्दे
1. स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव:
– विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण शासकीय अस्पतालों में मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।
– ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं सबसे अधिक प्रभावित हैं।
2. *चिकित्सकों की दुर्दशा
– बॉन्ड पोस्टिंग पूरी किए बिना चिकित्सक *न तो सरकारी नौकरी, न ही उच्च शिक्षा (DM/MCh), और न ही कॉरपोरेट/PSU नौकरियों* के लिए आवेदन कर सकते हैं।
– विलंब के कारण कई चिकित्सकों को आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
3. शासन की उदासीनता:
– पूर्व वर्षों में PG उत्तीर्ण चिकित्सकों को उनके *मूल पदस्थापना स्थल* (जिला चिकित्सालय/मेडिकल कॉलेज) पर तैनाती दी जाती थी, लेकिन इस वर्ष प्रक्रिया अनिश्चितता की भेंट चढ़ गई है।
चिकित्सकों की मांगें
– तत्काल पोस्टिंग: जून 2025 तक बॉन्ड पोस्टिंग प्रक्रिया पूरी की जाए।
– बॉन्ड अवधि की गणना: PG कोर्स समाप्ति (31 मई 2025) से ही 2/3 वर्ष की बॉन्ड अवधि मानी जाए।
– पारदर्शी काउंसलिंग: पोस्टिंग के लिए केंद्रीकृत और निष्पक्ष काउंसलिंग आयोजित की जाए।
– विलंब भत्ता: देरी की अवधि का वेतन चिकित्सकों को दिया जाए।
– वेतन समानता:* बॉन्ड चिकित्सकों का वेतन नियमित चिकित्सकों के बराबर (मूल वेतन + DA) हो।
चिकित्सकों ने स्पष्ट किया है कि यदि शीघ्र ही उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे जनहित में कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे।