शिवसेना के बॉलीवुड सितारों से रहे हैं खट्टे-मीठे रिश्ते

बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच छिड़ी तकरार से राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और फिल्मी सितारों के बीच संबंध फिर सुर्खियों में हैं। शिवसेना के बॉलीवुड सितारों से खट्टे-मीठे रिश्ते रहे हैं। शाहरुख खान, सलमान खान जैसे सितारों को जहां कई मौकों पार्टी नेताओं का प्रकोप झेलना पड़ा, वहीं अमिताभ बच्चन, संजय दत्त जैसे कई दिग्गजों को मुश्किल घड़ी में ठाकरे परिवार से मदद भी मिली।

बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान द्वारा फरवरी 2010 में आईपीएल में पाकिस्तानी खिलाड़ियों को शामिल करने की हिमायत पर शिवसेना भड़की थी। पार्टी नेता संजय राउत ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि अभिनेता का आवास मन्नत मुंबई में है, पाकिस्तान में नहीं। पहले शाहरुख को मुंबई लौटने दो…फिर हम देखेंगे। शाहरुख खान जैसे लोगों की चलते ही देश खतरे में है। शाहरुख की फिल्म ‘माइ नेम इज खान’ के पोस्टर फाड़े जाने लगे। फिल्म की रिलीज रोकने की धमकी दी गई। शाहरुख द्वारा माफी नहीं मांगने के बयान पर भी पार्टी आगबबूला हो गई।

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कपिल शर्मा को शूटिंग न करने देने की चेतावनी
हास्य कलाकार कपिल शर्मा ने सितंबर 2016 में बीएमसी अधिकारियों पर पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था, तब नगर निकाय प्रशासन ने उनके गोरेगांव अपार्टमेंट को गिराने का नोटिस जारी किया था। इससे भड़की शिवसेना ने कपिल से घूसखोर अधिकारी का नाम न बताने पर मुंबई में उनकी शूटिंग बंद करने की धमकी दी थी। पार्टी ने कहा था हमें बदनाम करने की कोशिश की गई तो उसे शिवसेना के अंदाज में जवाब दिया जाएगा।

सलमान खान बुरे फंसे
देश में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अक्तूबर 2016 में सलमान की फिल्म बजरंगी भाईजान की शूटिंग हो रही थी और पाकिस्तानी कलाकारों का विरोध हो रहा था। तब सलमान ने कहा था कि कलाकार और आतंकियों में फर्क होता है, इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने कई जगह प्रदर्शन किया। 2017 में टाइगर जिंदा है की डेट मराठी फिल्म देवा से टकराने पर पार्टी ने कहा कि बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खाने की कोशिश न करें। हालांकि सलमान को सीधा विरोध नहीं झेलना पड़ा, क्योंकि उनके पिता सलीम खान के ठाकरे परिवार से अच्छे रिश्ते रहे हैं।

ठाकरे की रिलीज के दिन ही मणिकर्णिका रिलीज हुई
पिछले साल 25 जनवरी को जब बालासाहेब की जिंदगी पर आधारित फिल्म ठाकरे रिलीज होनी थी तो शिवसेना ने ऐलान कर दिया कि उस दिन कोई और फिल्म रिलीज नहीं होने दी जाएगी। कई फिल्म निर्देशकों ने रिलीज डेट तुरंत बदल दी लेकिन कंगना ने अपनी फिल्म मणिकर्णिका की रिलीज डेट नहीं बदली। शिवसेना को कंगना का यह रुख नहीं भाया।

अमिताभ को मुश्किल घड़ी में मिला था साथ
अमिताभ की कांग्रेस से नजदीकियों के बावजूद शिवसेना के उनसे रिश्ते अच्छे रहे। कहा जाता है कि 1984-85 में जब बोफोर्स कांड में नाम आने के दौरान अमिताभ की फिल्म शहंशाह को रिलीज न होने की धमकी दी गई थी, तब बाल ठाकरे ने उनकी मदद की थी। तब ठाकरे ने अमिताभ को मिलने अपने घर बुलाया था और सिर्फ एक सवाल किया, क्या तुमने कुछ गलत किया है? अमिताभ से नहीं सुनकर ठाकरे ने कहा, तुम पूरी तरह सुरक्षित हो, मुंबई में कोई तुम्हारा बाल भी बांका नहीं कर सकता।अमिताभ ने ठाकरे के निधन पर खुद कहा था कि अगर कुली की शूटिंग के वक्त घायल होने के दौरान पार्टी की एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल न पहुंचाया गया होता तो शायद वह जिंदा न होते।

राजनीतिक विरोधी सुनील दत्त की मदद की
मुंबई दंगों में फंसे अपने बेटे संजय दत्त को कहीं से भी मदद न मिलने से निराश सुनील दत्त अपने समधी राजेंद्र कुमार की सलाह पर बाल ठाकरे से मिले थे। बाल ठाकरे ने उन्हें कहा था, मैं जानता हूं कि तुम मुझे पसंद नहीं करते हो, लेकिन मैं तुम्हारे अभिनय का मुरीद रहा हूं। उन्होंने सुनील दत्त को भरोसा दिया था कि सत्ता में न रहने के बावजूद जो भी बन पड़ेगा, वह किया जाएगा। हालांकि ठाकरे के निधन के बाद शिवसेना ने सजा काट रहे संजय दत्त को बार-बार पैरोल दिए जाने का तीखा विरोध किया था। लेकिन अक्तूबर 2019 में राज्य के विधानसभा चुनाव के दौरान संजय दत्त ने खुद कहा था कि बालासाहेब ठाकरे ने उनकी बहुत मदद की और आदित्य ठाकरे उनके छोटे भाई की तरह ही है।

रामगोपाल वर्मा को मिला आशीर्वाद
रामगोपाल वर्मा जब ठाकरे की जिंदगी पर आधारित फिल्म सरकार बना रहे थे, तब ठाकरे जिंदा थे। वर्मा ने उन्हें पूरी कहानी बताई। उनकी सलाह पर अमिताभ बच्चन को ठाकरे की भूमिका के लिए लिया गया। सरकार का फर्स्ट कट जब बाला साहेब ने देखा तो राम गोपाल वर्मा को गले लगा कर कहा था, वेल डन।

लता बालासाहेब का करती थीं सम्मान
मशहूर पार्श्वगायिकालता मंगेशकर बालासाहेब ठाकरे को बाबा कहती थीं और अपने पिता समान मानती थीं। वे अक्सर उनसे मिलने भी जाती थीं। बाल ठाकरे की तबियत खऱाब होने की बात सुनकर उन्होंने एक बार अपना संगीत समारोह रोक दिया था।

ठाकरे परिवार का सिनेमा से गहरा रिश्ता
ठाकरे की बहु स्मिता ठाकरे नब्बे के दशक में फिल्मों में काफी एक्टिव थीं, हसीना मान जाएगी, सैंडविच जैसी फिल्मों का निर्माण किया। बाल ठाकरे भी कार्टूनिस्ट होने के साथ फिल्मों में दिलचस्पी रखते थे। राज ठाकरे का भी मराठी सिनेमा से जुड़े रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी फिल्मी सितारों के बीच नजर आते हैं।

मराठी फिल्मों की मदद
ठाकरे परिवार मराठी फिल्म और उनके निर्देशकों की मदद के लिए जाना जाता रहा है। तेजाब फिल्म के निर्देशक ने एक कम बजट की फिल्म बनाई थी अंकुश। तब ठाकरे को पता चला कि कई थियेटर में से फिल्म निकाल ली गई है क्योंकि अमिताभ बच्चन की बड़ी फिल्म उस सप्ताह रिलीज हुई थी। चंद्रा ने ठाकरे से मुलाकात कर अपनी दिक्कत बताई। ठाकरे का एक फोन जाते ही वापस उनकी फिल्म थियेटर में लग गई। मराठी फिल्मों को प्राइम शो में जगह देने के लिए पार्टी मुखर रही है।