’मांझी’ योजना बना वनांचल के गर्भवती माताओं के लिए वरदान प्रसव के लिए मोटर सायकल से सुरक्षित स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची आदिवासी महिला हड़मे बाई

जगदलपुर। बस्तर जिले के दुर्गम एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां पर आवागमन का कोई साधन उपलब्ध नहीं है। कलेक्टर रजत बंसल के निर्देशानुसार इन क्षेत्रों के गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु सुरक्षित अस्पताल पहुंचाने हेतु शुरू की गई मांझी योजना सुदूर वनांचल के महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले के पहुंचविहीन क्षेत्रों में जहां पर चार पहिया वाहनों का आवागमन संभव नहीं हो पाता या नेटवर्क आदि के समस्या के कारण समय पर 108 एवं 102, महातारी एक्सप्रेस का समय पर पहुँचना संभव नहीं है। जिले में इस योजना के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप दुर्गम क्षेत्रों के गर्भवती माताओं को समय पर निकट के स्वास्थ्य केन्द्रों में सुरक्षित पहुँचाकर उनका सुरक्षित प्रसव कराने के का कारगर माध्यम बन गया है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के तत्परता से जिले में इस योजना से अनेक गर्भवती माताएं लाभान्वित हो रहीं हैं। आदिवासी बाहुल्य बस्तर जिले में इसका अच्छा प्रति साद मिल रहा है। इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती माताओं को दो पहिया एवं चार पहिया वाहन से निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में सुरक्षित पहुंचाने वालों को दूरी के हिसाब से 400 रूपए से 700 रूपए तक की प्रोत्साहन राषि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदान किया जाता है।
जिला प्रशासन द्वारा प्रारंभ किया गया यह योजना जिले के लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के सुदूर वनांचल के ग्राम तोयर के जड़ीगुड़ा पारा के गरीब आदिवासी गर्भवती महिला श्रीमती हड़मे बाई के लिए वास्तव में देव दूत साबित हुआ। श्रीमती हडमें बाई ने बताया कि उसे 10 सितम्बर को प्रसव पीड़ा प्रारंभ होने के बाद भी समय पर निकट के उप स्वास्थ्य केन्द्र में जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं था। लेकिन जिला प्रशासन की इस योजना के संबंध में जानकारी देने पर जड़ीगुड़ा पारा निवासी मंहगू राम ने उसे अपने मोटरसाइकल में बिठाकर उप स्वास्थ्य केन्द्र तोयर में सुरक्षित पहुंचाया। कुछ समय पष्चात् उन्होंने लक्ष्मी के रूप में सुरक्षित कन्या को जन्म दिया। इस योजना के अन्तर्गत अस्पताल प्रबंधन द्वारा महंगू राम को तत्काल 400 रूपए की नगद राशि प्रदान किया गया। श्रीमती हडमें बाई ने बताया कि समय पर उनका सुरक्षित प्रसव हो जाने पर उसे इस योजना का महत्व महसूस हुआ। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित भी किया। श्री हडमें बाई ने बताया कि आज उनकी नवजात षिषु पूरी तरह से सुरक्षित है। अस्पताल के अधिकारी-कर्मचारी द्वारा उनके एवं उनके बच्चे का समुचित देखभाल एवं इलाज किया गया। उन्होंने कहा कि उनके के तरह बस्तर जिले के अनेक गर्भवती माताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है।

रीसेंट पोस्ट्स