भिलाई चेम्बर ने अक्टूबर से सामान्य रूप से दुकानें खुलने की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंप ज्ञापन
दुर्ग-भिलाई। जिले में 30 सितंबर तक लॉकडाउन लगा हुआ है इसकी वजह से सभी बाजार व रोजमर्रा की जरूरतों से संबंधित सभी दुकानें बंद हैं। एक ओर लोगों में हायतौबा मची हुई है और दूसरी ओर व्यापारी वर्ग भी परेशान है। ऐसे में एक अक्टूबर से लॉकडाउन समाप्त कर सब कुछ सामान्य करने की मांग उठक रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स भिलाई ईकाई का एक दल कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे व एडीएम दुर्ग से मिला और ज्ञापन सौंपा।
भिलाई चेम्बर के संयोजक अजय भसीन व प्रदेश उपाध्यक्ष गार्गी शंकर मिश्रा के नेतृत्व में भिलाई चेम्बर ने ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात रखी। ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराया गया कि मार्च माह से व्यापारी वर्ग की लॉक डाउन की वजह से अर्थव्यवस्था असन्तुलित हो चुकी है। जब जब शासन द्वारा लॉकडाउन लगाया गया तब तब व्यापारी के साथ साथ आम जनता को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। भिलाई चेम्बर संयोजक अजय भसीन ने जिलाधीश को निवेदन करते हुए कहा कि भिलाई चेम्बर आपसे निवेदन करती है कि 30 सितंबर को लॉक डाउन समाप्त कर 1 अक्टूबर से सभी दुकानें पूरे समय तक खोंलने का आदेश जारी करे ताकि व्यापारी वर्ग में रोष उत्पन्न न हो।
प्रदेश उपाध्यक्ष गार्गी शंकर मिश्रा ने जिलाधीश महोदय के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि भिलाई चेम्बर एक अभियान चलाकर सभी व्यपारियो को जागरूक करेगी। सभी व्यपारियो को सतर्कता के साथ व्यापार करने हेतु शिक्षित किया जाएगा। दीवाली मनानी है खुशहाल,तो सतर्कता का रखो ख्याल इस विषय पर जागरुकता अभियान में सभी बाजारों में चेम्बर की टीम सभी व्यापारीयो को करोना से बचाव के तरीकों से अवगत कराएगी। ज्ञापन के माध्यम से भिलाई चेम्बर ने यह सुझाव भी प्रेषित किया है कि कोविड के ईलाज में अच्छी सुविधाओं का विस्तार किया जाए। सभी अस्पतालों के अलावा सामाजिक भवनों का इस्तेमाल इस इलाज हेतु किया जाए व सामाजिक संगठनों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए ताकि कोविड मरीज को इलाज का अभाव महसूस न हो। सामाजिक जिमेदारी में भिलाई चेम्बर प्रशासन के साथ हमेशा तत्पर है। कलेक्टर भुरे व एडीएम ने हुए भिलाई चेम्बर को आश्वस्त किया कि 30 सितंबर के बाद लॉकडाउन हटा दिया जाएगा व पूरा जिला अनलॉक कर दिया जाएगा। ज्ञापन सौंपने के दौरान सुधाकर शुक्ला, मनोज बक्तानि, अश्विन देवानी, शंकर सचदेव आदि उपस्थित थे।