दिल्ली में आतंकी हमले की थी तैयारी, होटल में रुककर इकट्ठा कर रहे थे भारी मात्रा में हथियार, चार गिरफ्तार
नईदिल्ली (ए)। दिल्ली पुलिस की स्पशेल सेल ने राजधानी में एक बड़े आतंकी हमले को टाल दिया है। स्पेशल सेल ने कश्मीरी में मारे गए आतंकी छोटा बुरहान के भाई समेत चार संदिग्ध कश्मीरी युवकों को गिरफ्तार किया जो अलकायदा के भारतीय यूनिट के रूप में कश्मीर में काम करने वाले अंसार गजवत-उल-हिंद के लिए काम कर रहे थे। इनके कबजे से पुलिस ने चार पिस्टल, 120 कारतूस, पांच मोबाइल व एक कार बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक चारों संगठन के अपने आका के निर्देश पर 27 सितंबर को हमले के इरादे से दिल्ली आए थे।
गिरफ्तार आरोपियों में पुलवामा निवासी अल्ताफ अहमद डार (25), अनतनाग निवासी इशफाक मजीद कोका (28), मुशताक अहमद गनी (27) और आकिब सफी (22) शामिल हैं। दिल्ली आने के बाद ये पहाड़गंज स्थित एक होटल में आकर रूके थे। यहां पहुंचकर इन्होंने अपने आका के निर्देश पर हथियार भी ले लिए थे। अब ये आगे के निर्देश का इंतजार कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के पहले ही इन्हें दबोच लिया।
एंटी टेरर सेल यूनिट स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि ऑपरेशन से जुड़ी पुलिस टीम ने पीछा कर आईटीओ के समीप हाथापाई के बाद इन्हें धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में से 28 वर्षीय, इश्फाक मजीद कोका, कश्मीर में मुठभेड़ में मारे गए बुरहान मजीद कोका उर्फ छोटा बुरहान का बड़ा भाई है। छोटा बुरहान अलकायदा के कश्मीर मॉड्यूल का “अंसार गजवत-उल हिंद” का पूर्व प्रमुख के रूप में काम करता था। उसे इस साल ही अप्रैल में दक्षिण कश्मीर के शोपियां में मारा गया था। सुरक्षा एजेंसियों की मानें तो भाई के मरने के बाद इशफाक ने उसी के रास्ते पर जाने का मन बना लिया था। उसके कहने पर ही बाकी तीनों युवक भी उसके साथ दिल्ली में आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचे थे।
अपने आका के निर्देश पर आए थे
मौजूदा अंसार गजवत-उल-हिंद चीफ के कहने पर चारों दिल्ली आकर पहाड़गंज के होटल में रुके थे। गजवत चीफ ने इनके खातों में पैसे भेजे, उससे इन लोगों ने दिल्ली में ही हथियार खरीदे थे। अब यह आतंकी हमला करने वाले थे। पुलिस इनसे पूछताछ कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि चारों ने किस तरह की आतंकी वारदात को अंजाम देना चाहते थे और दिल्ली में किस जगह इन्हें वारदात को अंजाम देना था।
ऐसे पकड़े गए चारों संदिग्ध
डीसीपी कुशवाह ने कहा कि शुक्रवार को, हमारी टीम को सूचना मिली कि ये चारों संदिग्ध कश्मीरी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। इन्होंने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए हैं। ये आईटीओ और दरियागंज के आसपास आने वाले हैं। सूचना के आधार पर स्पेशल सेल की टीम ने आईटीओ के पास एक जाल बिछाया। टीम के सदस्यों ने कार को देखा जिसमें संदिग्ध लोग यात्रा कर रहे थे। पुलिस ने पीछा कर वाहन को रोकने का प्रयास किया गया तो वे भागने के चक्कर में यह कार फुटपाथ पर चढ़ते हुए एक पेड़ से टकराई। इसके बाद चारों को दबोच लिया गया।
बुरहान के मरने पर भाई को तैयार किया
कुशवाह के मुताबिक, अप्रैल में मुठभेड़ में बुरहान कोका के मारे जाने के बाद, उसके भाई इशफाक को अंसार गजवत-उल हिंद के कैडरों द्वारा उनके आतंकवादी संगठन के लिए काम करने के लिए संपर्क किया गया था। इसके लिए विभिन्न चैट प्लेटफॉर्म व व्हाट्सऐप का का इस्तेमाल किया गया। इश्फाक को जेहाद के के लिए संगठन के वर्तमान प्रमुख द्वारा उसे प्रेरित कर तैयार किया गया था।
इशफाक ने तैयार की अपनी टीम
इसके बाद इशफाक ने कपड़े की दुकान में काम करने वाले अल्ताफ को प्रेरित किया। वहीं उन्होंने अपने चचेरे भाई आकिब शफी को भी ग्रुप मे शामिल किया, जो वर्तमान में जम्मू से इंजीनियरिंग कोर्स (कंप्यूटर साइंस) में स्नातक कर रहा है। जबकि अल्ताफ ने श्रीनगर में एक टैक्सी चालक मुश्ताक को ग्रुप में जुड़ने के लिए प्रेरित किया।