सिंहदेव ने कहा कि कोरोना काल में दूरस्थ गांवों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने में बैंक सखियों की महत्वपूर्ण भूमिका

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने रेडियो पर दी बैंक सखियों के कार्यों की जानकारी

रायपुर। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने रेडियो पर प्रदेश में दूरस्थ अंचलों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान कर रहीं बैंक सखियों के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने आज शाम साढ़े सात बजे आकाशवाणी रायपुर से प्रसारित विशेष कार्यक्रम ‘हमर ग्रामसभा में बैंक सखियों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। श्री सिंहदेव ने कहा कि कोरोना संकट के समय दूरस्थ गांवों तक बैंकिंग सेवा पहुंचाने में बैंक सखियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कार्यक्रम में श्रोताओं द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
सिंहदेव ने ‘हमर ग्रामसभा में बताया कि बैंकों की कमी वाले क्षेत्रों और सुदूर गांवों में बैंक सखी लोगों तक नगद राशि पहुंचाने और जमा करने का काम कर रही हैं। वे हितग्राहियों के गांव पहुंचकर मनरेगा मजदूरी, पेंशन और छात्रवृत्ति की राशि उनके हाथों में दे रही हैं। बुजुर्गों और दिव्यांगों के घर जाकर बैंक सखी उन तक नगद राशि पहुंचा रही हैं। बैंक सखी द्वारा दी जा रही इस सुविधा से अब ग्रामीणों को छोटी-मोटी राशियों के लेन-देन के लिए बार-बार बैंक नहीं जाना पड़ता। साथ ही गांव से दूर शहर में स्थित बैंक तक आने-जाने में लगने वाले समय, धन और श्रम की भी बचत होती है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि सरकार का लक्ष्य सभी गांवों तक बैंक सखी की सुविधा उपलब्ध कराना है। इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। श्री सिंहदेव ने कार्यक्रम में बैंक सखी के चयन के लिए मापदंड और प्रक्रिया की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गांव की कोई भी महिला बैंक सखी बन सकती है, बशर्ते उसे लैपटॉप और बायोमीट्रिक मशीन संचालित करने आता हो। उन्होंने बताया कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा बैंक सखी के लिए चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है।
विभागीय योजनाओं की जानकारी देने और इनका लाभ उठाने लोगों को प्रेरित करने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा ठाकुर प्यारेलाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान, निमोरा द्वारा तैयार साप्ताहिक रेडियो कार्यक्रम ‘हमर ग्रामसभा का आकाशवाणी रायपुर द्वारा हर रविवार शाम साढ़े सात बजे से आठ बजे तक प्रसारण किया जाता है। इसे आकाशवाणी के अंबिकापुर केंद्र से छत्तीसगढ़ी और सरगुजिहा में, रायगढ़ केंद्र से छत्तीसगढ़ी और कुड़ुख में तथा जगदलपुर केंद्र से छत्तीसगढ़ी और हलबी बोली में प्रसारित किया जाता है। वहीं प्रदेश में स्थित आकाशवाणी के अन्य केंद्र इसे छत्तीसगढ़ी में प्रसारित करते हैं।