वैज्ञानिकों का दावा: फरवरी 2021 तक खत्म हो जाएगा कोरोना, लगातार घटते केसेज दे रहे हैं शुभ संकेत

नईदिल्ली (एजेंसी)। कोरोना महामारी को लेकर वैज्ञानिकों ने राहत भरा दावा किया है। वैज्ञानिकों की एक सरकारी समिति का कहना है कि कोरोना महामारी का सबसे बुरा दौर गुजर चुका है। 17 सितंबर को भारत में कोरोना पीक पर पहुंच चुका था। उसके बाद से महामारी कम होने की ओर बढ़ चली है। सरकारी पैनल तो यहां तक कह रहा है कि फरवरी 2021 तक यानी अगले करीब सवा चार महीनों में यह महामारी काबू में आ जाएगी।
भारत में ऐक्टिव केसेज में लगातार गिरावट आ रही है जो कि अच्छा संकेत है। 17 सितंबर को 10.7 लाख ऐक्टिव केसेज का पीक था। उसके बाद एक बार 26-27 सितंबर को थोड़ा उछाल देखा गया। हालांकि उसके बाद से तेजी से ऐक्टिव केसेज कम हुए हैं। 18 अक्टूबर तक देश में 7.83 लाख ऐक्टिव केस थे। टोटल केसेज में ऐक्टिव केसेज का हिस्सा अब केवल 10.45 फीसदी रह गया है। इसे 1त्न से कम पर लाना होगा। अगर यही ट्रेंड जारी रहा तो सरकारी पैनल का अनुमान सही साबित हो सकता है।

धीमे-धीमे कोरोना वायरस पर काबू पा रहे ये राज्य

22 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश ऐसे हैं जहां पर ऐक्टिव मामलों की संख्या 20 हजार या उससे कम रह गई है। 20 हजार से ज्यादा ऐक्टिव केस वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 13 है। यानी करीब 62 फीसदी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में महामारी काबू में आने लगी है। 50 हजार से ज्यादा ऐक्टिव केस वाले राज्यों की संख्या केवल 3 है जिनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक व केरल शामिल है। ऐक्टिव केसेज में कमी के पीछे रिकवरी में आई तेजी है। रिकवर्ड और ऐक्टिव मरीजों के बीच का अंतर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। भारत में रिकवरी रेट 88 पर्सेंट से ज्यादा है। ऐसे में इसकी संभावना ज्यादा दिखती है कि अगले कुछ महीनों में महामारी का प्रकोप खासा कम हो जाए।

पिछले तीन महीनों में सबसे कम मौतों का बना रेकॉर्ड

सोमवार सुबह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े जारी किए, उसके मुताबिक पिछले 24 घंटों में 579 मरीजों की मौत हुई है। यह पिछले तीन महीनों का सबसे कम आंकड़ा है। यानी मौतों की संख्या में भी लगातार कमी देखी जा रही है। भारत में कोरोना से अबतक 1,14,610 लोगों की मौत हुई है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है कि लॉकडाउन न लगने पर मरने वालों की संख्या 26 लाख से ज्यादा होती।

त्योहारों में सावधानी बेहद जरूरी

वैज्ञानिकोंं का कहना है कि कोरोना जैसी महामारी का पूरी तरह अंत कारगर वैक्सीन/दवा के बिना नहीं होगा। अगर ताजा ट्रेंड्स को देखकर लोग निश्चिंत हो गए कि कोरोना तो जाने ही वाला है तो यह बहुत बड़ी भूल होगी। हमने केरल और महाराष्ट्र में देखा है कि कैसे त्योहारों के वक्त कोरोना के मामले अचानक तेजी से बढ़े। अगले दो महीनों में कई बड़े त्योहार हैं। इसलिए सावधानी बरतना जारी रखे रहना होगा क्योंकि जरा सी चूक कोरोना की सेकेंड वेव को न्योता दे सकती है। सर्दियां भी शुरू होने वाली हैं और एक्सपट्र्स कह चुके हैं कि सर्द मौसम में वायरस फैलने का रिस्क ज्यादा है।