सड़क हादसों में घायलों की सहायता करें, 5 लाख का ईनाम पाएं

नई दिल्ली (एजेंसी) | सड़क हादसों में घायलों की मदद करने वाले अच्छे शहरियों को एक से पांच लाख तक का ईनाम दिया जाएगा। प्रत्येक राज्य से कम से कम तीन अच्छे शहरियों को नगद ईनाम योजना में शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें सड़क सुरक्षा क्षेत्र में उत्कृ़ष्ट कार्य के लिए प्रणाम पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। केंद्र सरकार की मंशा है कि इस पहल से आम जनता दुर्घटना में सड़क पर घायल पड़े लोगों की मदद के लिए आगे आएगी और निर्दोषों की जान बचाई जा सकेगी। देश में प्रतिदिन 410 से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो रही है, इसमें अधिकांश की समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण मौत हो जाती है। आम जनता ही सहभागिता से उक्त भयावाह आंकड़ें को कम करने के लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 27 अक्तूबर को सड़क सुरक्षा में जुटे अच्छे शहरियों-हितधारकों के लिए नगद ईनाम योजना शुरू करने संबंधी प्रस्ताव राज्यों को भेज दिया है। इसके तहत राज्य सरकारें आगामी 30 नवबंर तक अपने प्रस्ताव-दस्तावेज मंत्रालय के पास भेजने हैं। जबकि सड़क सुरक्षा में कार्य कर रहे अच्छे शहरी व हितधारकों को फरवरी तक राज्यों के परिवहन आयुक्त के पास नामांकन कराना होगा। राज्य इनको 31 मार्च तक मंत्रालय के पास भेज देंगे। मंत्रालय ने माना है कि तमाम सड़क सुरक्षा योजनाएं लागू करने के बावजूद हादसे व मृतकों की संख्या कम नहीं हो रही है।

हर साल 10 फीसदी की दर से नए वाहनों की बढ़ोत्तरी हो रही है और राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का विस्तार हो रहा है। इससे सड़क यात्रियों के सड़कें असुरक्षित होती जा रही हैं। सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की आगे बढ़कर मदद करने के लिए आम जनता में नैतिक जिम्मेदारी व जागरुकता लाने में उक्त योजना मददगार साबित होगी। उन्होंने बताया कि उत्कृष्ट कार्य के लिए अच्छे शहरियों को प्रथम पुरस्कार के तहत पांच लाख,  द्वितीय पुरस्कार में दो लाख व तृतीय पुरस्कार में एक लाख रुपये का नगद ईनाम सीधे उनके बैंक खाते में दिया जाएगा। इसके अलावा दिल्ली में आयोजित होने वाले समारोह में आने, ठहरने के लिए 20 हजार रुपये व अच्छे शहरी का प्रणाम पत्र दिया जाएगा। मंत्रालय इस समारोह हर साल आयोजित करेगा। इसमें प्रत्येक राज्य से तीन अच्छे शहरियों को चुना जाएगा।

मदद करने वालों को पुलिस थाने नहीं बुलाएगी
मंत्रालय ने दुर्घटना में सड़क पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने व अन्य प्रकार से मदद करने वाले अच्छे शहरी (गुड सेमेरिटन) को कानूनी सुरक्षा देने का नियम पहले ही लागू कर दिया है। इसमें पुलिस अच्छे शहरी से पहचान, नाम, पता, मोबाइल नंबर बताने के लिए दबाव नहीं बना सकेगी। पुलिस उन्हें थाने पर बुलाने के लिए नहीं कहेगी। और न ही उनको सिविल अथवा अपराधिक मामले में गवाह बना सकेगी। अच्छे शहरी स्वेच्छा से अपनी पहचान बता सकते हैं अथवा अदालत में बतौर गवाह पेश होने की इच्छा जता सकते हैं। यह उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा।

सड़क सुरक्षा में कार्य कर रहे हितधारकों को दी जाएगी सहायता
केंद्र सरकार ने सड़क सुरक्षा में कार्य कर रहे हितधारकों जैसे गैर सरकारी संगठन (एनजीओ), ट्रस्ट, कॉपरेटिव सोसायटी व अन्य संगठनों को वित्तीय सहायता देने की योजना शुरू की है। इसके लिए नए दिशा निर्देश बनाए गए हैं। हितधारकों को सड़क सुरक्षा मजबूत करने के लिए पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। यह राशि योजना की सफलता के बाद जारी होगी। अग्रिम भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके तहत आम जनता में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता पैदा करना, शराब पीकर गाड़ी नहीं चलाना, ओवर स्पीड से परहेज करना, लेन में वाहन चलाना, हेलमेट, सीट बेल्ट आदि के लिए सेमिनार-कार्यक्रम चलाए जाएंगे। हितधारकों को इसके लिए नीति आयोग के दर्पण नामक पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

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