प्रदेश में राज्य सरकार का विशेष पैकेज, स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए, क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 से बढ़ाकर किया 150 प्रतिशत

छत्तीसगढ़ सरकार के उद्योग हितैषी निर्णयों से प्रदेश में बढ़ी औद्योगिक विकास की रफ्तार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उद्योगों के हित में लगातार लिए जा रहे फैसले

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया। घोषित्र पैकेज में अधितम 500 करोड़ रुपए तक का निवेश प्रोत्साहन मान्य होगा। बस्तर संभाग के लिए यह सीमा 1000 करोड़ तक रहेगी। इसके लिए प्रस्तावित इकाईयों को 31 अक्टूबर 2024 को अथवा उसके पूर्व व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा। इसी तरह 100 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा।
राज्य सरकार द्वारा कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत शुल्क छूट की पात्रता भी प्रदान की गई। बिजली में सब्सिडी मिलने से इस्पात सहित कोर सेक्टर के उद्योगों को नई संजीवनी मिली है। इससे इन कोर सेक्टर के उद्योगों को देश भर के मार्केट का लाभ मिलेगा। स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए बी-स्पोक पालिसी के तहत विशेष पैकेज घोषित करते हुए, क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक कर दी गई है। लॉकडाउन की अवधि में राज्य के द्वारा 27 लाख टन का स्टील उत्पादन किया गया, जो भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक उत्पादन है।

प्रदेश में औद्योगिक विकास को मिली गति

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए दूरदर्शितापूर्ण निर्णयों से कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति मिली है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा मेगा निवेशकों के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की गई है। इस पैकेज से स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों को नई ऊर्जा मिलेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को बिजली दर में रियायत, अनुदान सहायता, विभिन्न स्वीकृतियां प्रदान करने की सरल और सुविधाजनक व्यवस्था के साथ स्थानीय उद्योगों के उत्पादों को प्राथमिकता देने जैसे अनेक संवेदनशील फैसलों ने छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत के लिए संजीवनी का काम किया है। कोरोना के दौर में जब पूरे देश में औद्योगिक गतिविधियां थमी हुई थी, तब छत्तीसगढ़ के कोर सेक्टर के उद्योगों में उत्पादन जारी रहा। चालू वित्तीय वर्ष मेें माह अप्रैल के आखरी सप्ताह में कोर सेक्टर के अलावा अन्य उद्योगों में भी उत्पादन की गतिविधियां प्रारंभ हो चुकी थी।

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