बड़ी खबर : रायपुर सहित दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जांजगीर-चांपा कोरोना के डेंजर जोन में

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार भले ही पिछले दो सप्ताह से सुस्त है, लेकिन रायपुर सहित पांच जिले दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जांजगीर-चांपा अभी भी कोरोना के डेंजर जोन में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना की स्थिति का जायजा लिया। हर्षवर्धन ने कहा कि छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों में लापरवाही की वजह से कोरोना के प्रकरण बढ़े हैं। पांच जिलों की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि त्योहारों के मौसम में हमें विशेष सावधानी बरतनी होगी। अगले वर्ष की प्रथम तिमाही में वैक्सीन का अनुमान लगाते हुए उन्होंने लोगों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार को कार्ययोजना बनाने के निर्देश भी दिए।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर में अनलाक शुरू होने की वजह से कोरोना के प्रकरण बढ़े हैं। वह जिले जो अन्य राज्यों के संपर्क में हैं, वहां आवागमन से संक्रमण बढ़ा। जब तक अंतरराज्यीय सीमाएं सील रहीं, कोरोना नियंत्रित रहा। अनलाक के बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों, विद्यार्थियों के बाद सात लाख 20 हजार प्रवासी मजदूर प्रदेश लौटे। इनके लिए आइसोलेशन केंद्र बनाए और संक्रमण रोकने का कार्य किया। सिंहदेव ने बताया कि रायपुर-दुर्ग-बिलासपुर संभाग में पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में लोग आए, जिसके कारण मरीज बढ़े। दुर्ग में 1.68 फीसद, रायपुर में 1.45 फीसद, बिलासपुर में 0.98 फीसद, सरगुजा में 0.67 फीसद और बस्तर में 0.59 फीसद की मृत्यु दर का अंतर स्पष्ट करता है कि अधिक आबादी, सीमावर्ती संभाग और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अन्य राज्य के लोगों का इन क्षेत्रों में आना संक्रमण बढ़ने की प्रमुख वजह हो सकती है।

दुष्प्रचार और जागरूकता की कमी से बढ़ी मृत्यु दर
सिंहदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हुए दुष्प्रचार और जागरूकता की कमी से लोगों ने लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया, जिसकी वजह से प्रदेश की मृत्यु दर में इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग ने दो अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक घर-घर जाकर लोगों के लिए जागरूकता अभियान संचालित किया। आइसोलेशन को लेकर भ्रामक प्रचार के डर से लोगों का सहयोग प्राप्त नहीं हुआ, जिसके बाद सरकार ने होम आइसोलेशन को प्राथमिकता देकर निश्शुल्क दवाएं, 24/7 स्वास्थ्य सलाहकार, डाक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की। इसके मिश्रित परिणाम रिपोर्ट्‌स के माध्यम से देखने को मिले हैं।

वैक्सीन डिलीवरी के लिए तैयार है कार्ययोजना
सिंहदेव ने कहा कि कोविड वैक्सीन को लोगों तक पहुंचाने के लिए विभाग ने 570 केंद्र सुनिश्चित कर लिए हैं। 50 अन्य केंद्रों के लिए कार्य कर रहे हैं। 70 हजार मितानिन, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और शहरी क्षेत्र के स्वास्थ्यकर्मियों के प्रयास से कोरोना वैक्सीन की डिलीवरी करेंगे। हमारा प्रयास है कि मृत्यु दर को कम करने और वैक्सीन की डिलीवरी में हम बेहतर कार्य कर प्रदेश की जनता को निराश नहीं करेंगे। कोरोना की रिकवरी दर हर परिस्थिति में 97 फीसद के करीब रहेगी। प्रदेश के हर मेडिकल कालेज में आक्सिजन यूनिट स्थापित किया गया है।