निवार तूफान में 5 लोगों की मौत, प्रदेश के कई शहरों में देर रात से हो रही तेज बारिश, किसानों का धान भीगा

रायपुर। चक्रवात निवार तूफान के असर से छत्तीसगढ़ के कई शहरों में देर रात से तेज बारिश हो रही है। जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ गई है। कई जगहों से धान के भीगने की खबर सामने आई है। वहीं खेत और खलिहान में रखी फसल भी बारिश की भेट चढ़ी है। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने निवार तूफान के असर को देखते प्रदेश में तीन दिनों के लिए अलर्ट जारी किया था। वहीं देर रात से ठंडी हवाओं के साथ बारिश हो रही है। इससे पहले गुरुवार को दिनभर बादल छाए रहे। कई जगहों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। तापमान में गिरावट होने से लोगों को कड़ाके की ठंड का एहसास हुआ।

इधर राजधानी में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। चार-पांच घंटों से लगातार हो रही बारिश सरगुजा और बलरामपुर में बीते चार-पांच घंटों से लगातार बारिश हो रही है। जिसके चलते जनजीवन प्रभावित हुआ है। बारिश में फसल को भारी नुकसान हुआ है। कई किसानों का धान भीग गया है। बता दें कि प्रदेश में 1 दिसंबर से धान खरीदी होनी है। इसे ध्यान में रखते हुए किसान फसल को इकठ्ठा कर रखे हुए थे। वहीं अचानक हुई बारिश से धान भीग गया है चक्रवात ‘निवार’ के बुधवार रात तमिलनाडु और पुडुचेरी के तट से टकराने के बाद गुरुवार तड़के इन दोनों प्रदेशों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश में तेज हवाओं के साथ जमकर बारिश हुई। 130 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और मूसलधार बारिश से जगह-जगह बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई, पेड़ उखड़ गए, बिजली आपूर्ति व इंटरनेट सेवा बाधित हो गई और जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। तूफान जनित हादसों में पांच लोगों की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। हालांकि तूफान अब कमजोर पड़ गया है। हालात से निपटने के लिए तीनों राज्यों के तटीय इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 25 टीमें तैनात हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिलनाडु और पुडुचेरी के मुख्यमंत्रियों से फोन पर बात करके केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र दोनों राज्यों की स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए है। तमिलनाडु सरकार के मुताबिक, निवार की वजह से राज्य में 101 घर क्षतिग्रस्त हो गए, 1,086 पेड़ उखड़ गए और केले की 14 एकड़ की फसल बर्बाद हो गई। इसके अलावा 26 पशुओं की मौत हुई है। अधिकारियों का कहना है कि गिरे हुए सभी पेड़ों को हटा दिया गया है और बिजली आपूर्ति बहाल करने का काम जारी है। चक्रवात से पहले मंगलवार को रोकी गईं बस सेवाओं को राज्य के सात जिलों में गुरुवार को बहाल कर दिया गया। इसके अलावा विमान, मेट्रो और उपनगरीय रेल सेवा भी बहाल कर दी गईं। मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने गिरे हुए पेड़ों को हटाने और जरूरतमंदों की सहायता करने के लिए ग्रेटर चेन्नई कारपोरेशन और ग्रेटर चेन्नई पुलिस की सराहना की। उन्होंने कुड्डालोर और कुछ अन्य इलाकों में चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लिया और प्रभावित लोगों से मुलाकात भी की। राज्य में करीब 2.27 लाख लोगों को 3,085 राहत शिविरों में रखा गया है। केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से प्रदेश में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है। चक्रवात से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोगों से घरों में ही रहने और मछुआरों से समुद्र में नहीं जाने का अनुरोध किया। पुडुचेरी सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की थी। आधे आंध्र प्रदेश पर भी चक्रवात का असर हुआ है और वहां भारी से बहुत भारी बारिश हुई जिससे सामान्य जनजीवन पटरी से उतर गया। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक एसपीएस नेल्लोर, चित्तूर, कडपा, कृष्णा, प्रकाशम और ईस्ट गोदावरी जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है जबकि अनंतपुरम, करनूल, गुंटूर और वेस्ट गोदावरी जिलों में मध्यम से भारी बारिश हुई। एसपीएस नेल्लोर, चित्तूर और कडपा जिलों में जलाशयों के भर जाने पर उनका अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा जिससे कई स्थानों पर सड़कों और खेतों में पानी भर गया। सड़कों पर पानी भरने और पेड़ों के गिरने से यातायात बाधित हो गया। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार दोपहर हालात की समीक्षा की और जिला कलेक्टरों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया। मौसम विभाग के अनुसार, ‘निवार’ चक्रवात का केंद्र गुरुवार दोपहर तिरुपति से 50 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम में था। इसने पुडुचेरी के नजदीक बुधवार रात 11.30 बजे से 2.30 बजे के बीच समुद्र तट को पार किया था। अब यह कमजोर पड़ गया है और उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह लगातार कमजोर होता जाएगा। विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि तमिलनाडु में 29 नवंबर के बाद एक बार फिर भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, लेकिन यह देखने की जरूरत है कि यह चक्रवात में तब्दील होता है या नहीं। विभाग इस पर करीब से नजर रख रहा है। निम्न दबाव का क्षेत्र चक्रवात बनने का पहला चरण होता है।

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