दूसरे शहरों से आने वाले यात्री कि कोरोना टेस्ट रिपोर्ट एयरपोर्ट पर 72 घंटे तक ही मान्य
रायपुर: दूसरे शहरों से विमानों से रायपुर एयरपोर्ट आने वाले लोगों को कोरोना टेस्ट कराने को कहा गया है, लेकिन इसमें लोगों की सहमति जरूरी करने का नतीजा यह हुआ है कि 4 दिन में केवल 29 यात्रियों ने ही टेस्ट करवाया है। जबकि अभी एक दिन में 23 से ज्यादा उड़ानों में करीब 3350 यात्री हर दिन आना-जाना कर रहे हैं। ज्यादा लोग दिल्ली-मुंबई से आ रहे हैं, इसलिए राज्य सरकार ने एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों की कोरोना जांच के निर्देश दिए थे। चूंकि इसमें सहमति की शर्त जुड़ी है, इसलिए अधिकांश लोग बिना जांच करवाए निकल रहे हैं। इधर, हालात को देखते हुए शासन ने नया आदेश जारी किया है कि कोई व्यक्ति अगर किसी शहर से कोरोना जांच रिपोर्ट लेकर आया हो, तो उसे तभी मान्य किया जाएगा जब स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच के लिए एयरपोर्ट पर जांच केंद्र बनाया गया है। यहां पर एंटीजन टेस्ट के बजाय यात्री केवल तापमान की जांच करवा रहे हैं।
अधिकतर यात्रियों का तापमान सामान्य होने की वजह से उन्हें एयरपोर्ट में नहीं रोका जा रहा है। यात्री इस बात का भी तर्क दे रहे थे कि उन्होंने दूसरे शहरों में कोरोना की जांच करवा ली है। यही वजह है कि राज्य सरकार नया आदेश जारी कर रही है जिसमें कहा गया है कि जिस भी यात्री ने छत्तीसगढ़ के बाहर कोरोना की जांच कराई है तो वह जांच रिपोर्ट 72 घंटे तक मान्य रहेगी। इसलिए लोग इस रिपोर्ट को दिखाकर भी एयरपोर्ट से बाहर आ सकते हैं। इससे प्रशासन के पास भी इस बात की जानकारी रहेगी कि बाहर से कोरोना जांच करवाने के बाद ही लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।
दबाव नहीं, इसलिए मरीज भी नहीं आ रहे
अभी रायपुर एयरपोर्ट में हवाई यात्रियों की कोरोना जांच के लिए किसी भी तरह की सख्ती नहीं की जा रही है। जांच केंद्र में मौजूद लोग उन पर किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाते हैं। इस वजह से अगर किसी को कोरोना है तो वहां मौके पर पता नहीं चल रहा है। रायपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की मॉनिटरिंग होने की वजह से वे इस काम में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। कोरोना गाइडलाइन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जो गाइडलाइन जारी की गई है उसका पालन किया जा रहा है। सभी एयरलाइंस बिना मास्क और फेसशील्ड के यात्रियों को विमान में सफर करने नहीं दे रहे हैं।
जांच में पॉजीटिव तो पेड क्वारेंटाइन
प्रशासन की ओर से यह व्यवस्था की गई है कि एयरपोर्ट की जांच के दौरान कोई यात्री कोरोना पॉजीटिव आता है तो उसे वापस नहीं भेजा जाएगा। ऐसे यात्री खुद से पेड क्वारेंटाइन या सरकारी कोविड सेंटरों में इलाज करवा सकते हैं। से लोगों को बिना अनुमति या व्यवस्था के एयरपोर्ट से बाहर जाने नहीं दिया जाएगा। अफसरों का कहना है कि ऐसे यात्री घरों में रहकर इलाज करवाना चाहते हैं तो उन्हें होम आइसोलेशन की भी सुविधा दी जाएगी। लेकिन सीधे विदेशों से आने वाले लोगों को होटल या सरकारी जगहों पर 14 दिन के लिए क्वारेंटाइन होना होगा।
कंट्रोल रूम में शिकायतें भी आधी से ज्यादा कम हो गई
कोरोना की शुरुआत में गली-मोहल्लों में कोरोना संक्रमित होने की खबर मिलती थी तो लोग उसकी शिकायत कंट्रोल रूम में करते थे। लेकिन अब इस तरह की शिकायतें आधे से भी ज्यादा कम हो गई है। कॉल सेंटरों में कुछ ही फोन ऐसे होते हैं जिनमें इस तरह की शिकायत मिल रही है। त्योहारी सीजन के बाद भी बड़ी संख्या में लोग बाहर से लौटे हैं। इसके बावजूद प्रशासन का एक्टिव सर्विलांस सिस्टम भी इसकी जांच नहीं कर रहा है। लोगों की दिलचस्पी भी इसमें बेहद कम हो गई है।