तालाबों की नगरी धमधा की जीवनदायिनी बगीचा एनीकट का होगा जीर्णोद्धार कार्य

जलसंसाधन मंत्री  रविन्द्र चैबे ने किया भूमिपूजन, मंत्री ने कहा खेती के लिए सिंचाई का दायरा बढ़ाना सरकार की पहली प्राथमिकता

दुर्ग। तालाबों की नगरी धमधा में तालाबों की जीवनदायिनी बगीचा एनीकट के जीर्णोद्धार के कार्य का आज जलसंसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चैबे ने भूमिपूजन किया। इस एनीकट के जीर्णोद्धार से 25 हेक्टेयर भूमि में खरीफ फसल के लिए सिंचाई का पानी दिया जा सकेगा। इस अवसर पर मंत्री श्री रविन्द्र चैबे ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण हो चुकी जलसंसाधन की परियोजनाओं और नहरों की वजह से काफी मात्रा में पानी का नुकसान होता है। हमने निश्चय किया है कि पानी की एक-एक बूंद की बचत की दिशा में काम करेंगे। हम लोग ऐसे नहरों और नालों का चिन्हांकन कर रहे हैं जिनमें थोड़े से रिनोवेशन के बाद पानी की कमाल की बचत की जा सकती है। नहरों और नालों में निरंतर सुधार कार्य एवं गाद को निकालने का कार्य आवश्यक होता है। जहां थोड़ी सी टूट-फूट होती है उसे दुरूस्त करना होता है क्योंकि सिंचाई परियोजनाओं में थोड़ी भी टूट-फूट के कारण काफी नुकसान होता है। सभी जगहों पर इस तरह के कार्य चल रहे हैं। मंत्री ने कहा कि शासन की नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना में नरवा योजना का सिंचाई से संबंध है। नरवा हमारी परंपरागत जल संरचना है। इससे भूमिगत जल का स्तर बढ़ता है। जैसे-जैसे हम नालों का ट्रीटमेंट करेंगे, पानी को परंपरागत तरीके से सहेज पाएंगे और एक-एक बूंद जल का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका परिणाम हमें सिंचाई के रूप में मिलेगा। किसानों को बोर में सहज रूप से पानी उपलब्ध होगा। मंत्री ने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए हमने नये धान खरीदी केंद्र खोले हैं। इससे किसानों में काफी हर्ष है। उन्हें दूर की समितियों तक अपना धान लेकर जाना नहीं होता। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की नीतियों की वजह से खेती किसानी से जुड़ी अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है। अपने खेतों को बेहतर करने किसानों के पास पैसे गए हैं। किसान कर्ज के भार से मुक्त हुए हैं। उन्हें अपनी फसल का उचित दाम मिला है।