नॉन-कोविड हॉस्पिटल में पॉजिटिव मरीज का ऑपरेशन कर हुआ प्रसव

दुर्ग। जिले में एक दिन पहले बुधवार को कोरोना रोकथाम व इलाज में लापरवाही सामने आई है। एंटीजेन जांच में रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद बाद बालोद जिले के ग्राम निपानी निवासी गर्भवती महिला को जिला अस्पताल दुर्ग से रायपुर के लिए रेफर किया गया। महिला रायपुर के बजाए जिले के ही मालवीय नगर स्थित निजी हॉस्पिटल में ले जाया गया। जहां उसका ऑपरेशन के जरिए प्रसव करा दिया गया। हॉस्पिटल नॉन-कोविड था, जहां कोविड मरीज का ऑपरेशन कर प्रसव हुआ। जब मामला खुला तो पूरे मामले को दबाने के लिए बेहोश महिला को छुट्‌टी भी दे दी गई। पड़ताल में पता चला कि जिले का स्वास्थ्य विभाग इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। उसने महिला को ही गायब कर दिया, गायब महिला मायके में मिली, जिसे देर शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया।

ससुर भोला ने बताया कि जैसे ही उनकी बहू हास्पिटल में भर्ती हुई, उसके थोड़ी देर बाद स्कूटी पर दो डॉक्टर पहुंचे और दोनों ने तत्काल उसका सीजर कर दिया। ऑपरेशन के बाद रुके नहीं, जिस स्कूटी से आए थे, उसी से पलक झपकते ही नदारद हो गए। अब इन डॉक्टरों की भी खोजबीन की जा रही है। वहां मौजूद एक महिला डॉक्टर ने बताया कि प्रसव हुआ ही नहीं।

महिला के ससुर भोला राम ने कहा
महिला के ससुर भोला यादव ने बताया कि 14 दिसंबर को प्रसव का दर्द शुरू हुआ। वे बहु को लेकर वह बालोद के सरकारी अस्पताल पहुंचे। वहां से उसे दुर्ग जाने की सलाह दी गई। दुर्ग के मंगलम अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया। सर्दी-खांसी होने पर डॉक्टरों ने जिला अस्पताल से कोरोना की जांच की सलाह दी। जांच में वह संक्रमित मिली। उसे रेफर कर दिया।

सरकारी की जगह निजी एंबुलेंस से रवाना हुई, पहुंची निजी हॉस्पिटल
भोलाराम ने बताया कि स्टॉफ उसे रेफर करने 108 एंबुलेंस को कॉल किए, उधर भोला से बिचौलिए मिल गए। अस्पताल के ही किसी डॉक्टर के हवाले से उन्हें बताया कि उनके बहु की डिलीवरी में देरी ठीक नहीं है। इस पर वह उन्हीं के कहने पर प्राइवेट एंबुलेंस से 16 दिसंबर की दोपहर करीब ढाई बजे मालवीय नगर के निजी अस्पताल पहुंचे।

जब महिला की जांच में कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई, तो क्यों इस महिला को निगरानी में नहीं रखा। कैसे इसे प्राइवेट एंबुलेंस से रायपुर रवाना होने दिया गया। कोविड से जुड़े सारे मामले संवेदनशील है। शासन की सीधी गाइड लाइन है, ऐसे सारे संक्रमितों की निगरानी रखी जानी है। 24 घंटे बाद भी किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर पाए