लगभग 400 साल बाद गुरु और शनि का महा मिलन, ऐसे देखें अद्भुत नजारा

नईदिल्ली । खगोलीय घटनाओं के दीवाने लोगों को बीत रहा साल अद्भुत नजारे का तोहफा देने जा रहा है। नासा के अनुसार, 1623 के बाद यानी करीब 400 साल बाद 21 दिसंबर 2020, दिन सोमवार को आसामन में दो ग्रहों वृहस्पति और शनि का संयोजन दिखेगा। भारतीय ज्योतिष में इस अद्भुत घटना को गुरु और शिन का महा मिलन कहा गया है तो नासा (NASA) ने इस ‘क्रिसमस स्टार’ नाम दिया है।नासा के अनुसार, गुरु और शनि का यह महामिलन अगले एक-दो सप्ताह तक आसमान में दृश्य रहेगा। लेकिन भारतीय समयानुसार लोग अपनी आंख से ही 21 दिसंबर की शाम को सूरज ढलते ही पश्चिम दिशा में देख सकेंगे। इस महामिलन दोनों ग्रह एक-दूसरे के पार करते दिखेंगे।

वृहस्पति जहां सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है वहीं शनि नीले रंग की वलय वाला ग्रह है। सोमवार की शाम को दोनों ग्रह एक दूसरे से मिलते दिखाई देंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, सूर्य की परिक्रमा करते हुए दोनों ग्रह 20 साल में एक दूसरे के करीब आते हैं लेकिन करीब 400 साल बाद ऐसा होगा जब दोनों ग्रह एक-दूसरे के बेहद समीप दिखाई देंगे।वैज्ञानिकों के अनुसार, गुरु और शनि के ग्रेट कंजक्शन की इस घटना के समय वृहस्पति की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट होगी, जबकि शनि की दूरी 10.825 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट होगी।

ऐसे देखें वृहस्पति और शनि का महा मिलन
गुरु और शिन के संयोजन को आप बिना किसी टेलीस्कोप की मदद से भी देख सकेंगे। इसके लिए आपको बिल्डिंगों और पेड़ो से दूसर खुले आसमान के नीचे या पास की सबसे ऊची छत पर जाना होगा। यहां से आप पश्चिम दिशा में सूर्यास्त के साथ ही दो ग्रहों का मिलन देख सकेंगे। इन ग्रहों को और भी करीब से देखना चाहें तो आप अच्छी क्वालिटी की टेलीस्कोप के जरिए इसे देख पाएंगे।

रीसेंट पोस्ट्स