अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पीएम मोदी ने कहा – मतभेदों के नाम पर बहुत समय हुआ बर्बाद, भारत पर है दुनिया की नजर
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के शताब्दी कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने एएमयू के योगदान की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सर सैयद का संदेश कहता है कि हर किसी की सेवा करें, चाहे उसका धर्म या जाति कुछ भी हो। उन्होंने कहा कि यहां अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एएमयू में भी अब 35 फीसदी तक मुस्लिम बेटियां पढ़ रही हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि एएमयू के सौ साल पूरे होने पर सौ हॉस्टल के छात्र कुछ रिसर्च करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्र के लक्ष्य के प्राप्ति की हो तो सभी मतभेदों को किनारे रख देना चाहिए।
आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है
हमें समझना होगा कि सियासत सोसाइटी का अहम हिस्सा है। लेकिन सोसाइटी में सियासत के अलावा भी दूसरे मसले हैं। सियासत और सत्ता की सोच से बहुत बड़ा, बहुत व्यापक किसी देश का समाज होता है।
समाज में वैचारिक मतभेद होते हैं, लेकिन जब बात राष्ट्रीय लक्ष्यों की प्राप्ति की हो, तो हर मतभेद किनारे रख देने चाहिए। जब आप सभी युवा साथी इस सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो ऐसी कोई मंजिल नहीं, जो हम हासिल न कर सकें।
पिछली शतब्दी में मतभेदों के नाम पर बहुत समय पहले ही जाया हो चुका है। अब समय नहीं गंवाना है, सभी को एक लक्ष्य के साथ मिलकर नया भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाना है।
आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं।
एएमयू के सौ साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में सौ हॉस्टल के छात्र कुछ रिसर्च करें। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में रिसर्च करें, जिनके बारे में अबतक काफी कम लोग जानते हैं। इनमें 75 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, 25 महिला स्वतंत्रता सेनानी के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
आज हमारी सरकार ने तीन तलाक से पीड़ित महिलाओं की मदद करने का फैसला लिया।
एएमयू में अब 35 प्रतिशत मुस्लिम बेटियां पढ़ रही हैं। इसकी फाउंडर चांसलर की जिम्मेदारी बेगम सुल्तान ने संभाली थी।
एक सशक्त महिला का हर फैसले में उतना ही योगदान होता है, जितना किसी और का। फिर चाहे बात परिवार को दिशा देने की हो या देश को। मैं देश की अन्य शिक्षा संस्थानों से भी कहूंगा कि ज्यादा से ज्यादा बेटियों को शिक्षा से जोड़ें।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा नेशन फर्स्ट के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पहले मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं।
उत्कृष्ट इस्लामिक रिसर्च के एक केंद्र के रूप में, एएमयू पर भारत के मूल्यों और लोकाचारों को दुनिया में फैलाने की दोहरी जिम्मेदारी भी है।
मेडिकल एजुकेशन को लेकर भी बहुत काम किया गया है। 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे। आज देश में 22 एम्स हैं। शिक्षा चाहे ऑनलाइन हो या फिर ऑफलाइन, सभी तक पहुंचे, बराबरी से पहुंचे, सभी का जीवन बदले, हम इसी लक्ष्य के साथ काम कर रहे हैं।
सरकार हायर एजुकेशन में नंबर ऑफ एनरॉलमेंट्स बढ़ाने और सीटें बढ़ाने के लिए भी लगातार काम कर रही है। वर्ष 2014 में हमारे देश में 16 आईआईटी थीं। आज 23 आईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे देश में 9 आईआईआईटी थीं। आज 25 आईआईआईटी हैं। वर्ष 2014 में हमारे यहां 13 आईआईएम थे। आज 20 आईआईएम हैं।
देश आज उस मार्ग पर बढ़ रहा है जहां मजहब की वजह से कोई पीछे न छूटे, सभी को आगे बढ़ने के समान अवसर मिले, सभी अपने सपने पूरे करें। सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास ये मंत्र मूल आधार है। देश की नीयत और नीतियों में यही संकल्प झलकता है।
बिना किसी भेदभाव आयुष्मान योजना के तहत 50 करोड़ लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ। जो देश का है वो हर देशवासी का है और इसका लाभ हर देशवासी को मिलना ही चाहिए, हमारी सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है।
आज देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुंच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला।
मुझे बहुत से लोग बोलते हैं कि एएमयू कैंपस अपने आप में एक शहर की तरह है। अनेक विभाग, दर्जनों हॉस्टल, हजारों टीचर-छात्रों के बीच एक मिनी इंडिया नजर आता है। यहां एक तरफ उर्दू पढ़ाई जाती है, तो हिंदी भी। अरबी पढ़ाई जाती है तो संस्कृति की शिक्षा भी दी जाती है।
बीते 100 वर्षों में एएमयू ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।
अभी कोरोना के इस संकट के दौरान भी एएमयू ने जिस तरह समाज की मदद की, वो अभूतपूर्व है। हजारों लोगों का मुफ्त टेस्ट करवाना, आइसोलेशन वार्ड बनाना, प्लाज्मा बैंक बनाना और पीएम केयर फंड में बड़ी राशि का योगदान देना, समाज के प्रति आपके दायित्वों को पूरा करने की गंभीरता को दिखाता है।
आज एएमयू से तालीम लेकर निकले लोग भारत के सर्वश्रेष्ठ स्थानों के साथ ही दुनिया के सैकड़ों देशों में छाए हैं। एएमयू के पढ़े लोग दुनिया में कहीं भी हों, भारत की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
आज विभिन्न विभागों की बिल्डिंग्स का खूबसूरती से सजाया गया है। ये सिर्फ बिल्डिंग ही नहीं हैं, इनके साथ शिक्षा को जो इतिहास जुड़ा है, वो भारत की अमूल्य धरोहर है।
मैं आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं कि एएमयू के शताब्दी समारोह के इस ऐतिहासिक अवसर पर मुझे अपनी खुशियों के साथ जुड़ने का मौका दिया।
एएमयू के पूर्व छात्र दुनिया में बेहतर जगहों पर काबिज हैं। एएमयू के साथ शिक्षा का इतिहास जुड़ा है। एएमयू ने लाखों लोगों के जीवन को संवारा है। एएमयू ने कोरोना काल में मदद की। एएमयू ने सामाजिक दायित्व निभाया। एएमयू में मिनी इंडिया नजर आता है। एएमयू के कैंपस में एक भारत, श्रेष्ठ भारत पर मिलकर काम करना है।एएमयू से पास हुए छात्र भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी छाए हुए हैं। मुझे कई एल्युमनाई मिले हैं जो गर्व से बताते हैं कि मैं एएमयू से पढ़ा हूं। एएमयू केवल एक इमारत नहीं बल्कि इतिहास है। यह देश की अमूल्य धरोहर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एएमयू के 100 साल पूरे होने के मौके पर एक विशेष डाट टिकट जारी किया है।
छात्रों के एक धड़े ने प्रधानमंत्री के भाषण का विरोध किया है। वहीं चांसलर ने प्रधानमंत्री को एक विजनरी नेता बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के शताब्दी वर्ष समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल और एएमयू के चांसलर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन मौजूद हैं।