मोतीलाल वोरा के अंतिम सफर में सीएम बघेल, सीएम शिवराज, राज्यपाल उइके सहित कई दिग्गज नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
दुर्ग। अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर पूरे प्रदेश में शोक की लहर व्याप्त है। दिवंगत मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह रायपुर पहुंचा। राजधानी स्थित राजीव भवन में मोतीलाल वोरा के पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ रखा गया। इस दौरान यहां श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, कृषिमंत्री रविन्द्र चौबे, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित मंत्रीमंडल के तमाम सदस्यों राजीव भवन में दिवंगत मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी।
बता दें कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को सोमवार को निधन हो गया था। उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वोरा का पार्थिव देह मंगलवार की सुबह साढ़े 11 बजे दिल्ली से रायपुर लाया गया। स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे से पूरे सम्मान व सुरक्षा के साथ उनका पार्थिव देह राजधानी के राजीव भवन ले जाया गया। राजीव भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस दौरान राजीव भवन में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। सीएम भूपेश बघेल सहित मंत्रीमंडल के सभी सदस्यों ने राजीव भवन पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वहीं यहां बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। श्रद्धांजलि सभा के बाद दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री बघेल और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम स्वर्गीय मोतीलाल वोरा की पार्थिव देह को कांधा देकर रथ तक ले गए और दुर्ग के लिए रवाना किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वेआजात शत्रु थे। उनका लगन, परिश्रम, निष्ठा और नेतृत्व के प्रति समर्पण अद्वितीय था। बघेल ने कहा कि एक दिन पहले ही उन्होंने वोरा को जन्म दिन की बधाई दी थी। तब सोचा भी नहीं था कि वे इतनी जल्दी हमसे विदा हो जाएंगे। दिल्ली प्रवास के समय भी उनसे मुलाकात हुई थी। वे कोरोना से लड़ाई जीतकर आ गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से हमने होश संभाला उन्हें काम करते देखा। उनकी सहजता, सरलता और मिलनसारता जो प्रारंभ में थी, वैसी ही अंतिम समय तक रही। उन्होंने पत्रकारिता से शुरूआत कर पार्षद, विधायक, मध्यप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के राज्यपाल, सांसद और केन्द्रीय मंत्री पद का दायित्व संभाला। वे सुबह से देर रात तक ताजगी के साथ कार्य करते थे। सभी से सहजता से मिलते थे। उनका निधन पार्टी के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय वोरा के परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि वोरा जी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की पहचान थे। एक सामान्य परिवार से निकलकर उन्होंने राष्ट्रीय क्षितिज पर कार्य किया। अनेक महत्वपूर्ण पदों के दायित्वों का निर्वहन किया। वे निर्विवाद रहे। कांग्रेस के वे अभिभावक तो थे ही उनका पक्ष-विपक्ष में भी बड़ा सम्मान था।
संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि स्वर्गीय वोरा समाजवादी चिंतक थे। उनका जाना राजनीतिक क्षेत्र के लिए बड़ा नुकसान है। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि वोरा सार्वजनिक जीवन के मूल्यों को सीखने की पाठशाला जैसे थे। मैंने भी उनसे बहुत सी बातें सीखने की कोशिश की। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि मोतीलाल वोरा के निधन से हमने एक बहुत बड़े व्यक्तित्व को खो दिया है। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमारे वरिष्ठ नेता हमारे बीच नहीं रहे, यह हम सबके लिए दुख की घड़ी है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि वोरा जी का निधन हमारे लिए अपूरणीय क्षति है। वे हमारे मार्गदर्शक और अभिभावक रहे। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि उनका साथ और मार्गदर्शन हमेशा याद आएगा। उन्होंने पार्षद से लेकर सर्वोच्च शिखर तक की यात्रा की। वे सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि उनके निधन से पूरा छत्तीसगढ़, पूरा बस्तर और देश दुखी है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि विपक्षी दलों के सर्वोच्च नेता भी वोरा जी का बड़ा सम्मान करते थे।
वे सभी दलों में लोकप्रिय थे। वे हम सबके के लिए अभिभावक और पितातुल्य थे।
धरमजीत सिंह ने कहा कि सभी दलों के लोग वोरा जी का आदर करते थे। वे पूरी ईमानदारी, निष्पक्षता और निष्ठा के साथ काम करने वाले व्यक्ति थे। विधायक और सांसद के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ की समस्याओं को मुखरता से उठाया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ अंचल के विकास के लिए अनेक कार्य किए। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वोरा जी के निधन से जो क्षति हुई है, उसकी पूर्ति नहीं हो सकती। वे धीर गंभीर थे, तो उनमें दृढ़ता भी थी। हमारी इस पीढ़ी ने उनसे बहुत कुछ सीखा। सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि वोरा जी की सादगी और सरलता एक मिसाल है। धनेन्द्र साहू ने कहा कि वोरा जी ने लम्बे समय तक राजनीति की। यह मेरा सौभाग्य रहा कि उनका स्नेह और विश्वास मुझे हासिल हुआ। हमने एक महान व्यक्तित्व को खोया है। पुन्नू लाल मोहले ने कहा कि वे सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष के लोगों की सहायता करते थे। अजय चंद्राकर ने कहा कि वोरा जी ने जमीन से उठकर सर्वोच्च नेताओं के साथ काम किया। वे आदर्श मूल्यों को जीवंत करने वाले अजातशत्रु थे। नारायण चंदेल ने कहा कि उनसे सहजता और सरलता जैसे गुणों को सीखने की आवश्यकता है। शिवरतन शर्मा ने कहा कि वे छत्तीसगढ़ के गौरव थे। अमितेश शुक्ला ने कहा कि उनका निधन एक युग का अंत है। वे सिद्धांतों से समझौता नहीं करते थे।
पंचतत्व में विलीन हुए मोतीलाल वोरा
शिवनाथ नदी तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके पुत्र व दुर्ग शहर विधायक अरुण वोरा ने उन्हें मुखाग्रि दी। इस मौके पर कांग्रेस व भाजपा के दिग्गज नेताओं सहित बड़ी संख्या जनप्रतिनिधि शिवनाथ नदी तट पर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के साक्षी बने। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह, कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, बृजमोहन अग्रवाल, विष्णुदेव साय, प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। यही नहीं मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी उनके अंतिम दर्शनों के लिए दुर्ग पहुंचे।