पोलावरम बांध निर्माण की वजह से सुकमा के 9 गांव हो सकते है प्रभावित -रविंद्र चौबे

विधानसभा में पोलावरम बांध को लेकर मुद्दा गर्म

रायपुर। विधानसभा में जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने आज सदन में पोलावरम बांध निर्माण को लेकर जवाब दिया। विपक्ष के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पोलावरम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है। जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक निर्माण नहीं हो सकता है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ दूसरे राज्यों ने भी याचिका लगाई है।

मंत्री चौबे ने आगे कहा कि आंध्रप्रदेश में निर्मित यह बांध राष्ट्रीय परियोजना है। पोलावरम बांध के निर्माण की वजह से सुकमा के 9 गांव के प्रभावित होने का अनुमान है। इनमें बंजाममुड़ा, मेटागुंडा, पेदाकिसोली, आसीरगुंडा, इंजरम, फ़ंदीगुंडा, ढोढरा, कोंटा, वेंकटपुरम के प्रभावित होने का अनुमान है। इन क्षेत्रों की जनसंख्या 18 हज़ार 510 है।

बता दें कि जेसीसीजे विधायक रेणु जोगी ने पोलावरम बांध का मामला सदन में उठाया। रेणु जोगी ने सवाल किया कि इससे बस्तर के कौन-कौन क्षेत्र प्रभावित होगा। इसे बचाने के लिए सरकार क्या कर रही है? इस पर जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में बांध को लेकर जानकारी दी। इस दौरान मंत्री ने स्वीकारा कि पोलावरम बांध से कोंटा मुख्यालय समेत 9 गांव डूबेंगे।

बताया गंभीर मामला

इस चर्चा के दौरान भाजपा के अजय चंद्राकर ने पूछा कि कौन-कौन से मुद्दे पर याचिका लगाई है। जेसीसीजे विधायक धर्मजीत सिंह और बीजेपी के शिवरतन शर्मा ने पोलावरम बांध को गंभीर मामला बताया। धर्मजीत ने कहा इसको लेकर सरकार ने अध्यन किया है। अफसरों के अध्यन को वहां भेज कर स्थिति का आंकलन कराएं।

विपक्ष के सवाल से असंतुष्ट मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लेकर ऐसी टिप्पणी ना करें। परियोजना के अधिकतम जल स्तर का परीक्षण। प्रभावित क्षेत्र का चिन्हाकंन जैसे बिंदुओं पर हमने अध्ययन कराया है। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रभावितों के पुनर्वास की नीति बनाएंगे।

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