किसान आंदोलन 35वे दिन भी जारी, सरकार से वार्ता के लिए किसान नेता हुए रवाना
नई दिल्ली। सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन आज 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। शीतलहर और घटता तापमान भी उनका हौसला नहीं तोड़ सका है। आज सबकी निगाहें किसान नेताओं और सरकार के बीच होने वाली सातवीं दौर की बैठक पर टिकी हैं। बैठक की सफलता और असफलता पर ही इस आंदोलन का भविष्य टिका है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की जिन सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वहां उनके समर्थकों का जमावड़ा बढ़ता ही जा रहा है। अब इस आंदोलन की लहर बिहार भी पहुंच चुकी है जहां से किसी तरह के प्रदर्शन की बात अब तक सामने नहीं आ रही थी। सिंघु बॉर्डर से सातवें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता दिल्ली के विज्ञान भवन के लिए बस में बैठकर रवाना हो गए हैं।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए, गंदगी और संक्रमण का खतरा
कड़ाके की ठंड में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को संक्रमण से बचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं जैसे सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। यहां न तो प्रदर्शनकारियों को गंदगी से निजात मिल रही है और न ही कोरोना से बचाव के लिए एहतियात बरते जा रहे हैं।
केंद्रीय राज्य मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग सोम प्रकाश ने उम्मीद जताई है कि आज की वार्ता निर्णायक होगी। एमएसपी समेत सभी मुद्दों पर खुले दिल से बात होगी। मुझे उम्मीद है कि किसानों का आंदोलन आज खत्म हो जाएगा। राकेश टिकैत ने आज ये भी कहा कि देश में मजबूत विपक्ष का होना बहुत जरूरी है जिससे सरकार डरे लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है। यही कारण है कि किसानों को सड़क पर उतरना पड़ा है। विपक्ष को टेंटों में बैठकर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करना चाहिए। किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरा ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। मुझे नहीं लगता कि हमारी आज की बैठक में भी कोई हल निकलेगा। तीनों कृषि कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरा ने कहा कि सरकार और किसानों के बीच पांच दौर की वार्ता विफल हो चुकी है। मुझे नहीं लगता कि हमारी आज की बैठक में भी कोई हल निकलेगा। तीनों कृषि कानूनों को खत्म किया जाना चाहिए। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले कहा कि, सरकार कानून वापस नहीं लेगी तो प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा। संशोधन पर बात नहीं बनेगी।
किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बनाए हैं कानून- रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में कृषि कानूनों को लेकर कहा कि, कृषि संबंधी ये जो तीन कानून बने हैं ये किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही बनाए गए हैं। पिछले सरकारों की तुलना में हमने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी बढ़ाई हैं। इस तीनों कानूनों के माध्यम से हमने पूरी कोशिश की है कि किसानों की आमदनी दो-तीन गुना बढ़े।
#WATCH These allegations should not be made by anyone against farmers. We express our deepest respect towards farmers. They are 'annadatas': Defence Minister Rajnath Singh on being asked about farmers being termed 'naxals' and 'khalistanis' pic.twitter.com/d8B8i3C8qc
— ANI (@ANI) December 30, 2020
किसान आंदोलन के चलते आज सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी, सबोली और मंगेश बॉर्डर बंद रहेंगे। इसलिए साफियाबाद, पल्ला और सिंघु टोल टैक्स बॉर्डर वाले वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें। मुकरबा और जीटी करनाल रोड पर रूट डायवर्ट किया गया है इसलिए रिंग रोड, जीटी करनाल रोड और एनएच 44 से न जाने की सलाह है।
भाकियू के मीडिया कोऑर्डिनेटर धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि महापंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा दूर-दराज के किसान आएंगे। इसी बीच दिल्ली में सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर गारंटी देने के मुद्दे पर वार्ता होगी। यदि सरकार से सातवें दौर की वार्ता में भी कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो फिर महापंचायत कोई निर्णय ले सकती है। उन्होंने संभावना जताई कि इस महापंचायत में खाप चौधरी भी शिरकत कर सकते हैं। यूपी गेट पर आंदोलन स्थल पर महापंचायत की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मंगलवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने भी सुबह के समय किसानों से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। महापंचायत की किस तरह रणनीति होगी, इसको भी भाकियू के पदाधिकारियों ने तैयार कर लिया है।
यूपी गेट पर पिछले 34 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर गारंटी व स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग को लेकर डटे हुए हैं। यूपी गेट पर किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। तीन दिसंबर को भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में महापंचायत ने सरकार को जल्द निर्णय लेने की चेतावनी दी थी। इसके बाद 17 दिसंबर को लाठियान खाप के चौ. वीरेंद्र सिंह ने देरी करने पर सभी खापों की तरफ से सरकार को चेताया था। अब 30 दिसंबर को फिर से महापंचायत में चौधरी नरेश टिकैत शिरकत कर सरकार के खिलाफ हुंकार भरेंगे।
किसान आंदोलन के 35वें दिन बुधवार को यूपी गेट पर तीसरी बार भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के नेतृत्व में महापंचायत होगी। इसमें दस खाप चौधरियों के भी फिर से शामिल होने की संभावना है। महापंचायत में उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य जगहों के हजारों किसान शामिल होंगे। भाकियू के इस एलान से साफ है कि यदि दिल्ली में सरकार के साथ वार्ता में कोई निष्कर्ष नहीं निकलता है तो महापंचायत में नरेश टिकैत और अन्य चौधरी कोई बड़ा निर्णय ले सकते हैं। उधर, आंदोलनस्थल पर 11 नए किसानों की भूख हड़ताल सुबह आठ बजे से शुरू हो गई है।
शीतलहर और घटता तापमान भी नहीं तोड़ पा रहा किसानों का हौसला
दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन आज 35वें दिन में प्रवेश कर चुका है। शीतलहर और घटता तापमान भी उनका हौसला नहीं तोड़ सका है। सिंघु, टिकरी, गाजीपुर, चिल्ला बॉर्डर और बुराड़ी निरंकारी ग्राउंड समेत जहां भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं, वहां उनके समर्थकों व अन्य किसानों की तादाद दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।