भिलाई: सबसे पुराने मुक्तिधाम में 31 दिन में कोरोना के 26 शव का हुआ अंतिम संस्कार

भिलाई/ चिन्तक :- वर्ष 2020 ने अपने अंतिम माह तक सभी वर्गों को केवल परेशान ही नही किया बल्कि सबको हलकान व बेहद निराश भी किया ।बीता हुआ वर्ष तो कभी लौट कर नही आता लेकिन सब यही दुआ कर रहे कि ऐसा वर्ष भी जीवन मे कभी न आये , बीते वर्ष ने हम सब को केवल कोरोना ने नही डराया बल्कि हम सब अपनो से ही डरे ,अंतिम संस्कार में शामिल होना बड़े सौभाग्य की बात माना जाता है लेकिन वर्ष 2020 ने इतना डराया की लोग अपनो को भी कन्धा नही दे सके । डर इतना की शव को कन्धा देना तो दूर अंतिम दर्शन तक नही कर सके । ऐसे समय मे मुक्तिधाम में काम करने वाले लोग किस तरह अपने कर्तब्य का पालन किया होगा कल्पना कीजिये ,जब हम मुक्तिधाम जाने से डर रहे थे तब वे अपनो का अंतिम संस्कार कर रहे थे ।


रामनगर मुक्तिधाम भिलाई का सबसे पुराना मुक्तिधाम है भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के साथ ही इस मुक्तिधाम सेड का निर्माण हुआ और अब तक लाखो लोगो का अंतिम संस्कार यहाँ हो चुका है लेकिन तब इस विषय पर कोई चर्चा नही होती थी लेकिन कोरोना ने शवों की गिनती करने मजबूर कर दिया और अब हालात ये है कि हम न केवल प्रतिदिन बल्कि महीने भर का आंकड़ा संकलन करने लगे है ।
रामनगर मुक्तिधाम में कोरोना से हुई मौत के अंतिम संस्कार का आंकड़ा समय समय पर पाठको को देते रहे है लेकिन अब चुकी वर्ष बीत चुका है सो अंतिम माह के आंकड़े से अवगत करा रहे है । वर्ष 2020 के अंतिम माह दिसम्बर में कुल 246 शवो का अंतिम संस्कार किया गया जिनमे 220 लोगो की समान्य मौत हुई वही इन 31 दिनों में कोरोना से हुई 26 मौतों का अंतिम संस्कार किया गया ।

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