राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग, पारित होने पर आजीवन नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
नई दिल्ली। अमेरिकी संसद पर हमले को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले ही पद से हटाने के लिए नव निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की पार्टी के सांसदों ने महाभियोग प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है। इस बीच, कुछ अमेरिकी सांसदों ने मांग की है कि डोनाल्ड ट्रंप को फिर से चुनाव लड़ने, राजनीतिक या संवैधानिक पद संभालने से अयोग्य ठहराया जाना चाहिए। डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले पद से हटाने में जुटे नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन की डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने महाभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ा दी है। अब सीनेट इस मामले पर सुनवाई करेगी कि क्या ट्रंप को फिलहाल पद से हटाया जाए या फिर भविष्य में चुनाव लड़ने और किसी संवैधानिक पद को संभालने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाए।
डेमोक्रेटिक सांसदों ने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित कर उप राष्ट्रपति माइक पेंस से ट्रंप को पद से हटाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने 25वें संविधान संशोधन के इस्तेमाल से इनकार कर दिया। इसके बाद सदन की स्पीकर और डेमोक्रेट नेता नैंसी पेलोसी ने महाभियोग ट्रायल के लिए नौ मैनेजरों को नियुक्त कर दिया था।
25वें संविधान संशोधन के तहत उप राष्ट्रपति और कैबिनेट को यह अधिकार मिल जाता है कि वे राष्ट्रपति को पद से हटा दें। यह कदम उस स्थिति में उठाने का प्रावधान है, जिसमें राष्ट्रपति अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे हों। 14वां संशोधन के जरिये किया जा सकता अयोग्य करार अमेरिकी कानूनी विशेषज्ञों ने कहा कि महाभियोग की कार्यवाही या अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के माध्यम से ट्रंप के भविष्य में चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई जा सकती है। अमेरिकी संविधान के मुताबिक, महाभियोग प्रक्रिया के तहत राष्ट्रपति को पद से हटाया जा सकता है। इसके अलावा, अमेरिका में मिलने वाले किसी भी सम्मान, अवार्ड और विश्वास करने योग्य पद के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है।
अब तक तीन को अयोग्य करार दिया
बता दें कि अमेरिकी इतिहास में महाभियोग की कार्यवाही के माध्यम से अब तक तीन अधिकारियों को संवैधानिक पद संभालने के लिए अयोग्य करार दिया गया है और वे तीनों ही न्यायाधीश थे। 2010 में सीनेट ने लुइसियाना के एक न्यायाधीश को पद से हटाते हुए अयोग्य घोषित किया था। अमेरिकी इतिहास में अब तक सिर्फ दो राष्ट्रपतियों पर महाभियोग की कार्यवाही हुई है। साल 1868 में एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ महाभियोग चलाया गया था। एंड्रयू जॉनसन पर एक सरकारी अधिकारी को गैर कानूनी तरीके से बर्खास्त करने का आरोप लगा था। साल 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग चलाया गया था, जब मोनिका लेवेंस्की ने उनपर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इन दोनों ही राष्ट्रपतियों को जांच के बाद बख्श दिया गया था और दोनों ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। इन दोनों अमेरिकी राष्ट्रपतियों के अलावा साल 1974 में वॉटरगेट स्कैंडल के मामले में रिचर्ड निक्सन के खिलाफ भी महाभियोग की तैयारी पूरी हो गई थी, लेकिन निक्सन ने उससे पहले ही इस्तीफा दे दिया था।