मुस्लिम देशों पर प्रतिबंध, स्वास्थ्य से लेकर जलवायु परिवर्तन तक- बाइडन ने पलटे ट्रंप के ये फैसले

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन ने शपथ ले ली है। उनके साथ भारतीय मूल की कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बन गई हैं। जैसी उम्मीद जताई जा रही थी सत्ता संभालने के बाद बाइडन ने डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलट दिया है। राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद बाइडन ने सीधे ओवल ऑफिस में कामकाज संभाला और एक्शन में आ गए। बाइडन ने 15 कार्यकारिणी आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन सभी की अमेरिका में लंबे समय से मांग चल रही थी और उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान इसका वादा भी किया था। बुधवार दोपहर को बाइडन ने कहा कि कार्यकारी आदेश, ज्ञापन और निर्देश जारी करने में ‘बर्बाद करने के लिए समय नहीं’ है।

बाइडन ने कहा, ‘आज मैं जिन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं उनमें से कुछ कोरोना महामारी संकट की कार्यप्रणाली को बदलने में मदद करने वाले हैं, हम एक नए सिरे से जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने जा रहे हैं जो हमने अब तक नहीं किया है और नस्लीय भेदभाव को खत्म करने वाले हैं। ये सभी शुरुआती बिंदु हैं।’

सत्ता संभालते ही बाइडन ने लिए ये फैसले:-

  • सभी अमेरिकियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
  • कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए फैसला लिया।
  • आम लोगों को बड़े स्तर पर आर्थिक मदद देने का एलान।
  • जयवायु परिवर्तन के मसले पर अमेरिका की वापसी यानी अमेरिका अब 30 दिन बाद पेरिस जलवायु समझौते में दोबारा शामिल हो जाएगा।
  • नस्लभेद को खत्म करने की ओर कदम।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले को रोका और डॉ. एंथोनी फॉसी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी बोर्ड में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का प्रमुख बनाया।
  • मेक्सिको से लगी सीमा पर आपातकाल की घोषणा को वापस लिया, दीवार बनाने के फैसले और फंडिंग को रोका।
  • ट्रंप प्रशासन द्वारा जिन मुस्लिम देशों पर बैन लगाया गया था, उसे वापस लिया और विदेश मंत्रालय को जल्द ही वीजा प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।
  • छात्र ऋण की किस्त वापसी को सितंबर तक टाला।

बाइडन की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने कहा कि पहले दिन लिए गए फैसले शुरुआत भर  हैं। आने वाले दिनों में राष्ट्रपति और भी कई फैसले लेंगे। उन्होंने कहा, ‘आने वाले दिनों और हफ्तों में, हम अतिरिक्त कार्यकारी आदेशों की घोषणा करेंगे जिससे चुनौतियों का सामना किया जाएगा और अमेरिकी लोगों से राष्ट्रपति चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा किया जाएगा।’

रीसेंट पोस्ट्स