गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली को मंजूरी देने से दिल्ली पुलिस का इनकार, कल फिर होगी बैठक
नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के संदर्भ में दिल्ली पुलिस और किसान संगठनों के बीच गुरुवार को सिंघु बॉर्डर के निकट मंत्रम रिजॉर्ट में हुई बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एस.एस. यादव इस बैठक का समन्वय कर रहे थे. बैठक के बाद क्रांतिकारी किसान यूनियन के नेता दर्शन पाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के आउटर रिंग रोड पर सुरक्षा कारणों से गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड का आयोजन नहीं किया जा सकता है। हम स्पष्ट हैं कि हम केवल वहीं ट्रैक्टर परेड करेंगे। केंद्र के साथ कल की बैठक के बाद, हम पुलिस के साथ एक और बैठक करेंगे।
Govt has said tractor parade on R-Day can't be conducted on Delhi's Outer Ring Road, due to security reasons. We're clear that we'll conduct tractor parade there only. After tomorrow's meeting with Centre,we'll hold another meeting with police: Darshan Pal, Krantikari Kisan Union pic.twitter.com/cHrRlTb74U
— ANI (@ANI) January 21, 2021
जानकारी के अनुसार, इसी तरह एक बैठक किसान नेताओं और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस बलों के अधिकारियों ने बुधवार को यहां विज्ञान भवन में की थी। सूत्रों ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को दिल्ली के व्यस्त बाहरी रिंग रोड की बजाय कुंडली-मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे पर आयोजित करने का सुझाव दिया था, जिसे किसान संगठनों ने अस्वीकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले करीब दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। वे नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों की कृपा पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है।
किसान आंदोलन को समाप्त करने के एक प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने बुधवार को आंदोलनकारी किसान संगठनों के समक्ष इन कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने और समाधान का रास्ता निकालने के लिए एक समिति के गठन का प्रस्ताव रखा। किसान नेताओं ने सरकार के इस प्रस्ताव को तत्काल तो स्वीकार नहीं किया, लेकिन कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। अब 11वें दौर की बैठक 22 जनवरी को होगी।