सबको राहत पहुंचाने वाला होगा बजट 2021
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह बजट बहुत चुनौतियों भरा होगा। ये बजट आजादी से लेकर अब तक का सबसे ज्यादा चुनौतियों भरा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत में कोरोना वायरस महामारी को आए हुए करीब एक साल हो गया है, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ है। पहली तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर -23.9 फीसदी रही। उसके बाद यह -7.5 फीसदी रही थी। इसके चलते राजकोषीय घाटा (यानी सरकार की कमाई और खर्चे में अंतर) बहुत ज्यादा है।
अर्थशास्त्री और बजट विशेषज्ञ आकाश जिंदल ने अमर उजाला को बताया कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास इस साल बजट में बहुत कुछ देने को नहीं होगा क्योंकि सरकार का घाटा ज्यादा होने की उम्मीद है। इसलिए हमें बजट 2021 से ज्यादा आशाएं नहीं रखनी चाहिए। कोरोना काल ने आम आदमी की भी बैलेंस शीट बिगाड़ी गै। कईं लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। बहुत कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई है। काम-धंधों में कमाई में कमी हुई है। कुछ लोग केवल अपना खर्चा निकाल पाएं हैं, बचत नहीं कर पाए। ऐसे में सरकार और वित्त मंत्री से सबकी उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं। संकट के इस दौर में विदेश में जैसे प्रोत्साहन पैकेज आ रहे हैं, उसी तरह लोगों को भारत में भी कुछ उम्मीदें हैं। संभावनाओं की बात करें, तो आइए जानते हैं इस साल हर सेक्टर को वित्त मंत्री के पिटारे से क्या मिल सकता है।
अमर उजाला से बात करते हुए आकाश जिंदल ने बताया कि इनकम टैक्स में जो स्लैब हैं, उसमें मिलने वाली छूट में एक लाख रुपये तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यानी करदाताओं को एक लाख रुपये तक की आयकर छूट मिल सकती है। साथ ही इनकम टैक्स के सेक्शन 80(सी) में 25,000 रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
नौकरीपेशा लोगों के लिए ये साल काफी खराब रहा है। उनके लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन पेश होने की संभावना है। उनके लिए 15,000 से 20,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन पेश हो सकती है।
सरकार प्रत्येक भारतीय को घर देन के उद्देश्य के लिए हाउसिंग लोन पर भी छूट सीमा बढ़ सकती है। यह करीब 25,000 रुपये बढ़ सकती है। हाउसिंग लोन के इंटरस्ट कंपोनेंट पर भी छूट बढ़ने की संभावना है।
अन्नदाताओं की बात करें, तो बजट 2021 में हमारे किसान भाइयों को काफी राहत मिल सकती है। उनको कम ब्याज पर लोन की व्यवस्था हो सकती है क्योंकि उनकी ब्याज दर थोड़ी ज्यदा है। साथ ही, जिन किसानों के पास जमीन के छोटे टुकड़े हैं, उनके लिए भी कुछ सुविधाओं की संभावना है। जैसे उनके लिए कुछ राशि आवंटित की जा सकती है।
मेडिकल सुविधाओं की बात करें, तो नए लक्ष्यों को हासिल करने के लिए और नए अस्पतालों के लिए भी राशि आवंटित की जा सकती है।
चीन और पाकिस्तान के साथ पिछले कुछ समय में जो हालात रहे हैं, उसके मद्देनजर डिफेंस सर्विसेज के लिए भी राशि आवंटित होने की संभावना है। यह राशि दो से तीन फीसदी बढ़ सकती है।
रेलवे बजट भी अब आम बजट का हिस्सा होता है। इसमें कईं नई सुपरफास्ट ट्रेन चलने की संभावना है। उत्तर-पूर्व में नई ट्रेनें चल सकती हैं।
इसके अतिरिक्स टेलिकॉम सेक्टर में भी अतिरिक्त राशि आवंटित की जा सकती है, ताकि गांव-गांव में जो हमारे बहन-भाई हैं, उन्हें भी इंटरनेट द्वारा कनेक्ट किया जा सके।
कुल मिलाकर बजट से जो उमीदें हैं, वो ये हैं कि ये बजट सबको राहत पहुंचाने वाला होगा। हालांकि ये बजट बहुत ज्यादा लाभ किसी को नहीं दे पाएगा क्योंकि वित्त मंत्री की झोली में बहुत ज्यादा लड्डू-पेड़े नहीं हैं। कोरोना की वजह से सरकार का बजट भी बिगड़ा है। अगले साल घाटे को कम करने की कोशिश की जाएगी।
ऐसा कहा जा रहा है कि देश की जीडीपी की वृद्धि दर 11 से 12 फीसदी हो सकती है। अगर इतनी वृद्धि होती है, तो अगला साल देश के लिए खुशियों भरा हो सकता है। खपत बढ़ सकती है। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में भी दरें कम होने की संभावना है। पेट्रोल-डीजल की कीमत को लेकर देश परेशान रहा है इसलिए सेंट्रल एक्साइज को लेकर कहीं न कहीं बात हो सकती है, ताकि आम लोगों को सुविधा मिल सके। यानी यह बजट आम लोगों को राहत पहुंचाने वाला होगा।