खुलासा: जमीन विवाद को लेकर परिवार के 7 सदस्यों ने मिलकर की हत्या

बालोद। सरपंच ओंकार साहू हत्याकांड की गुत्थी सुलझ गई है। ग्राम चिरईगोड़ी के एक ही परिवार के 7 सदस्यों ने मिलकर हत्या की थी। मुख्य आरोपी के साथ अन्य आरोपियों का पिता, पत्नी, चाचा, चचेरा भाई, भाभी का रिश्ता है। फावड़े से मारकर दुर्घटना का रूप देने ट्रैक्टर से लाश को दबा दिया। बुधवार को पुलिस ने मुख्य आरोपी अशोक कुमार साहू(37), हरिशचंद साहू (53), नेमीचंद साहू (25), हेमंत कुमार साहू (41), कामता साहू (61), ईश्वरी साहू (30), सरस्वती साहू (39) को गिरफ्तार कर रिमांड पर जेल भेजा। हत्या में प्रयोग किए गए डंडा, लोहे के पाना और फावड़ा, आने और जाने के लिए उपयोग किए गए 3 बाइक जब्त किया गया है।

पुलिस व ग्रामीणों के अनुसार गुहाराम, बलदाऊ, कामता, हरिशचंद चार भाई थे। गुहाराम व बलदाऊ अब इस दुनिया में नहीं है। मुख्य आरोपी अशोक कुमार साहू का पिता कामता साहू, पत्नी ईश्वरी साहू, चाचा हरिशचंद साहू है, चचेरा भाई व हरिशचंद का बेटा नेमीचंद साहू है, उनके चाचा स्व. गुहाराम साहू का बेटा हेमंत कुमार साहू है, हेमंत की पत्नी सरस्वती साहू है। जो जमीन की लड़ाई में अब जेल के अंदर रहेंगे। हेमंत का भाई आर्मी में है, वह अलग रहता है। हेमंत के दो बेटी है, जो कक्षा 11व 12वीं में है। बच्चों के माता व पिता जेल के अंदर रहेंगे। अशोक का एक बेटा व एक बेटी है, जो कक्षा तीसरी व छठवीं में है। अशोक की मां है, हरिशचंद की पत्नी व बेटा घर में है। वर्तमान में चिरईगोड़ी में परिवार के 7 सदस्य ही बाहर है। जिनमें 5 बच्चे शामिल हैं।

अलग-अलग की पूछताछ –
घटना के बाद 25 जनवरी को एसआई शिशिर पाण्डे, यामन देवांगन, एएसआई बीजू डेनियल, नर्मदा कोठारी ग्राम चिरईगोड़ी पहुंचे। सामूहिक रूप से सभी ने एक्सीडेंट होने की बात कही लेकिन पुलिस ने जब एक-एक से अलग-अलग पूछताछ की तब सभी ने हत्या करना स्वीकार किया।

इस वजह से हत्या हुई
डीएसपी दिनेश सिन्हा ने बताया कि सरपंच ओंकार साहू ने आरोपी हरिशचंद की भाभी नूतन साहू से खेत को खरीदा था। अक्सर इसी बात पर विवाद होते रहता था। 25 जनवरी को मृतक ओंकार साहू चिरईगोड़ी के खेत को देखने गया था। वहां अशोक साहू भी उसी खेत में बुआई करने आ गया। जिसके बाद दोनों के बीच विवाद शुरू हुआ और मारपीट की नौबत आ गई। वहां मौजूद हरिशचंद साहू, नेमीचंद साहू उर्फ नवीन, हेमंत, कामता, ईश्वरी, सरस्वती साहू भी पहुंचे और ओंकार साहू हमारे जमीन पर कब्जा कर लिया है, हमेशा लड़ाई झगड़ा करता है कहते हुए ओंकार साहू की हत्या कर दी।

कीचड़ में नीचे धंसा हुआ पड़ा था लाश
सेवा सहकारी समिति करहीभदर के अध्यक्ष पुराणिक राम साहू ने बताया कि नहर नाली से लगभग 150 मीटर की दूरी पर नूतन साहू से हाल ही में ओंकार साहू द्वारा खरीदे गए खेत में जाकर देखा तो वहां लोगों की भीड़ थी। खेत में एक ट्रेक्टर के पीछे तरफ दंतारी-कोपर के पास ओंकार साहू का लाश खेत के कीचड़ में सना हुआ तथा नीचे धंसा हुआ पड़ा था तथा उसके शरीर का मात्र पैर , पीछे तथा सिर का कुछ भाग हल्का दिखाई दे रहा था। उसके सिर में चोट आने से खून निकलकर पानी में बह रहा था। थोड़ी देर बाद वहां पुलिस पहुंची। मेरे व अन्य गवाह के समक्ष शव पंचनामा के दौरान ट्रेक्टर को आगे बढ़ाया गया तब लाश पूरा निर्वस्त्र था। जिसे खेत के कीचड़ से उठाकर मटमैला पानी में धोकर मेढ़ में रखवाया गया। लाश को देखने पर ओंकार के सिर के पीछे त्रिकोणीय चोट आने से चमड़ी बाहर लटक रहा था एवं सिर में गहरा चोट था। दोनों हाथ की भुजा, पीठ, कमर, जांघ में डंडा, राड जैसे वस्तु से मारने का काला निशान बना था।

दुर्घटना का रूप देने ट्रैक्टर का लिया सहारा
पुराणिक ने बताया कि लाश को देखने से मालूम पड़ रहा था कि ओंकार की हत्या करके दुर्घटना का रूप देने के लिए ट्रैक्टर को रिवर्स करके पीछे भाग को लाकर टिका दिया गया था।

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