नए कृषि कानूनों से दुनिया में भारतीय बाजार का प्रभाव बढ़ेगा – अमेरिका
नई दिल्ली । मोदी सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत में सड़क से संसद तक संग्राम जारी है। इस बीच अमेरिका ने कृषि कानूनों को लेकर भारत का समर्थन किया है। बाइडन प्रशासन ने कहा कि वह मोदी सरकार के इस कदम का स्वागत करता है। इससे दुनिया में भारतीय बाजार का प्रभाव बढ़ेगा और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। साथ ही अमेरिका ने यह भी स्वीकार किया कि कृषि कानूनों पर शांतिपूर्ण विरोध एक संपन्न लोकतंत्र की एक बानगी है।
नए कृषि कानूनों के विरोध में भारत में जारी किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि बाइडन सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार के कदम का समर्थन करती है, जो किसानों के लिए निजी निवेश और अधिक बाजार पहुंच को आकर्षित करती है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि सामान्य तौर पर अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है, जो भारतीय बाजारों की दक्षता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा हमारा मानना है कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है और भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी यही कहा है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका, भारत के अंदर बातचीत के माध्यम से पार्टियों के बीच किसी भी मतभेद को हल किया जाने के पक्ष में है। सामान्य तौर पर अमेरिका भारतीय बाजारों की कार्यकुशलता को सुधारने और बड़े पैमाने पर निजी सेक्टर के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत करता है।
आईएमएफ भी कर चुका समर्थन
इससे पहले, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत के नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया था। आईएमएफ की कम्युनिकेशन निदेशक गेरी राइस ने कहा था, हम मानते हैं कि भारत में कृषि सुधारों के लिए खेत के बिल एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करने की क्षमता रखते हैं। यह उपाय किसानों को विक्रेताओं के साथ सीधे अनुबंध करने में सक्षम बनाएगा, जिससे किसानों को बिचौलियों की भूमिका को कम करके अधिशेष के अधिक से अधिक हिस्से को बनाए रखने की अनुमति मिलेगी।