सुप्रीम कोर्ट की दो टूक कहा – शादी नहीं की तो कर दूंगा जेल के अंदर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध स्थापित करने वाले युवक को पीड़िता से शादी करने के लिए कहा है। शीर्ष अदालत ने युवक से दो टूक कहा कि अगर तुमने शादी नहीं की तो कर दूंगा जेल के अंदर। युवक पंजाब का रहने वाला है और वह उच्च जाति का है जबकि युवती अनुसूचित जाति वर्ग से है और वह फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रह रही है। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने बुधवार को युवक को फिलहाल गिरफ्तारी से राहत तो दे दी लेकिन चेतावनी दी कि अगर शादी नहीं की तो तुम्हें जेल जाने से कोई नहीं बचा सकता। वास्तव में युवक के वकील ने बुधवार को पीठ को बताया कि युवक और युवती के बीच 22 दिसम्बर 2020 को करार हुआ है कि दोनों शादी करेंगे और दोनों परिवार वाले भी इससे सहमत हैं। करारनामे पर उनके हस्ताक्षर भी हैं। वकील ने कहा कि युवती अभी ऑस्ट्रेलिया में है, लिहाजा उसके भारत आने के बाद दोनों की शादी हो जाएगी।

इस पर पीठ ने सवाल किया कि क्या यह करार अभियोजन से बचने के लिए तो नहीं है? वकील द्वारा आश्वस्त किए जाने के बाद पीठ ने युवक को अंतरिम तौर पर गिरफ्तारी से राहत दे दी लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगर युवक ने उस लड़की से शादी नहीं की तो वह जेल जाने के लिए तैयार रहें। दरअसल, युवती वर्ष 2016 में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी। इसी दौरान उसकी दोस्ती पंजाब के एक उच्च जाति के लड़के से हुई। इसके बाद लड़के ने लड़की से शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन लड़की ने कहा कि चूंकि वह अनुसूचित जाति वर्ग से है इसलिए शादी संभव नहीं है। लेकिन लड़के ने भरोसा दिलाया कि शादी में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी।

इसके बाद युवक शादी का झांसा देकर युवती पर शारीरिक संबंध बनाने की जिद करने लगा लेकिन वह लगातार मना करती रही। एक दिन लड़के ने कुछ नशीला खिलाकर लड़की के साथ संबंध स्थापित किया और कुछ आपत्तिजनक फोटो भी ले लिए। इसके बाद युवती जब विदेश में थी तो युबक ने उससे कहा कि घरवाले शादी के लिए तैयार हो गए हैं। जिसके बाद लड़की दिसंबर 2018 में भारत आई। भारत आने पर युवक, युवती को लेकर गुरुद्वारे गया और वहां पर वादा किया कि वह उससे शादी करेगा। जिसके बाद दोनों होटल में कुछ दिनों के लिए रहे। यहां भी उसने युवती के साथ जबरन संबंध स्थापित किया। बाद में युवक ने कहा कि उसके पिता इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है।

इसके बाद भी युवक लगातार यह वादा करता रहा कि वह शादी करेगा। युवती ने लंबे समय तक इंतजार किया। आखिरकार गत वर्ष अक्टूबर महीने में युवक के खिलाफ बलात्कार और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया। युवती का यह भी आरोप है कि लड़का उससे उधार लेता था लेकिन कभी भी उसने उधार चुकता नहीं किया। मुकदमा दर्ज होने के बाद लड़के ने पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की, लेकिन हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी। जिसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।