मुख्य सुरंग के अंदर 13 मीटर तक हुई खोदाई
चमोली। शनिवार को आपदा के सातवें दिन तपोवन स्थित सुरंग में बड़ी मशीन से ड्रील किया जाएगा। बता दें कि राहत बचाव कार्य जारी है। आपदा में लापता 206 लोगों में से अभी तक 38 शव बरामद हो चुके हैं। वहीं 166 लोग अब भी लापता हैं। जिनकी तलाश जारी है। उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि शुक्रवार को एसडीआरएफ की टीम ऋषिगंगा झील का निरीक्षण करने गई थी। झील से पानी का रिसाव हो रहा है। अब खतरे की कोई बात नहीं है। मैणाणा में शुक्रवार को शव मिलने के बाद सर्च अभियान को हरिद्वार तक बड़ा दिया गया है।
Yesterday, SDRF team visited the lake that has been formed near Raini village at a height of 4,200 meters. Water is continuously discharging from the lake, it's not in danger zone. Team also found a place to construct helipad near Raini: Ashok Kumar, DGP, Uttarakhand pic.twitter.com/PUAX5y4ckF
— ANI (@ANI) February 13, 2021
तपोवन सुरंग में शनिवार को सुबह 5:00 बजे से ड्रिल का कार्य शुरू हो गया था, लेकिन सुबह 9:00 बजे ड्रिल का मैकेनिकल पाइप फट गया, जिससे एक घंटे तक कार्य बाधित रहा। मशीन में दूसरा मैकेनिकल पाइप जोड़ने के बाद फिर टनल में ड्रिल कार्य शुरू हो गया है। रेस्क्यू इंजीनियरिंग की टीम की ओर से 13 मीटर तक भूमि के अंदर ड्रिल कर दिया गया है। जिस मुख्य टनल से ड्रिल किया जा रहा है, उसके नीचे 13 मीटर की दूरी पर एक दूसरी टनल है। उस टनल में मलवा और पानी की मौजूदगी पता की जा रही है। सुबह 11:00 बजे तक सुरंग के पास पहुंची बड़ी ड्रिल मशीन के पार्ट्स को जोड़ने का काम जारी है। संभवत दोपहर बाद से बड़ी ड्रिल मशीन से सुरंग के अंदर ड्रिल कार्य शुरू हो जाएगा। ड्रिल के बाद वहां कैमरा भेजा जाएगा।
– मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि चमोली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। कहा कि एनटीपीसी की सुरंग में मलबा अधिक भरने की वजह से उसे हटाने में समय अधिक लग रहा है। राहत एवं बचाव कार्यों में और तेजी आ सके इसके लिए अलग-अलग फोर्स एवं अधिकारियों को जिम्मेदारियां दी गई है। केन्द्र सरकार का भी इस आपदा में बचाव एवं राहत कार्यों में राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से भी राहत कार्यों की निरंतर समीक्षा की जा रही है।
– ऋषि गंगा की जल प्रलय में जिन लोगों ने अपनों को खोया वे तो प्रभावित हुए ही, लेकिन आपदा ने तपोवन बाजार की रौनक भी छीन ली है। तपोवन और ऋषि गंगा परियोजना के सैकड़ों मजदूर और स्थानीय गांवों के लोगों की बाजार में दिनभर चहल-पहल बनी रहती थी। अब आपदा के बाद से यहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
-आपदा प्रभावित तपोवन और रैणी क्षेत्र में प्रभावितों और अपनों की खोज में आ रहे लोगों के लिए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के साथ ही विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है। हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से रैणी गांव में कई दिनों से भंडारा लगाया हुआ है और गोविंदघाट गुरुद्वारे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस के साथ ही करीब 250 लोगों के लिए रात्रि विश्राम और खाने की व्यवस्था भी की गई है। गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि तपोवन में भी भंडारा लगाया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट चमोली का कहना है कि चमोली में अब तक कुल 38 शव बरामद किए गए हैं। जिनमें से 12 की पहचान हो चुकी है और 26 अज्ञात हैं।
सुरंग में 300 एमएम की छड़ से ड्रिल करने के लिए मशीनें तपोवन पहुंच गई हैं। एनटीपीसी के जीएम आरपी अहिरवार ने बताया कि अब बड़ी मशीन से सुरंग के अंदर ड्रिल किया जाएगा। जहां से ड्रोन कैमरा दूसरी सुरंग के अंदर भेजा जाएगा।
– मरीन कमांडो, एसडीआरएफ, पुलिस के माध्यम से रैणी तपोवन से श्रीनगर डैम तक पूरे नदी किनारे सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है।
आपदा के छठवें दिन शुक्रवार को दो शव और मिले। रैणी में ऋषि गंगा परियोजना स्थल से मलबे में एक शव, जबकि मैठाणा के पास अलकनंदा नदी किनारे से एक शव और बरामद हुआ। चमोली घाट पर 8 शवों और 3 मानव अंगों का 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया।
लापता लोगों के बारे में उनके परिजनों को जानकारी देने के साथ भोजन व आवास व्यवस्था के लिए तपोवन में हेल्प डेस्क काउंटर एवं राहत शिविर जारी है।रैणी क्षेत्र में मलबे में लापता लोगों की तलाश के लिए अधिकारियों की टीम बनाई गई है। तपोवन में गौरी शंकर मंदिर के निकट एप्रोच रोड बनाई जा रही है ताकि पोकलैंड मशीन को नीचे उतार कर यहां पर भी तलाश की जा सके।