सरकार की बढ़ी चिंता, बहुत कम लोग ले रहे वैक्सीन का दूसरा डोज

नई दिल्ली। कोविन ऐप में आ रही तकनीकी दिक्कतें और कोरोना वायरस वैक्सीन लेने वालों की पहचान में आ रही मुश्किलों की वजह से टीकाकरण के अभियान में असर पड़ रहा है। वैक्सीन के दूसरे डोज के टीकाकरण कार्यक्रम पर इसने असर डाला है। तमाम राज्यों से आई रिपोर्ट में ये बात सामने आई है।

छह राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, बिहार और गुजरात में वैक्सीन की दूसरी डोज देने का काम सोमवार से शुरू हो गया है। प. बंगाल, गोवा, तमिलनाडु और हरियाणा में शनिवार से दूसरे दौर का टीकाकरण शुरू हो चुका है। 28 दिनों के अंतराल के बाद ही दूसरा डोज दिया जाता है। टीकाकरण कार्यक्रम 16 जनवरी को शुरू हुआ था।

प. बंगाल में सिर्फ 7273 लोगों ने ही दूसरी डोज ली है जबकि 16 जनवरी को पहले दौर में करीब 15 हजार लोगों ने टीके लगवाए थे। वहीं, पंजाब में पहले दौर के मुकाबले दूसरे चरण में सिर्फ चार फीसदी लोगों ने ही टीके लगवाए। 16 जनवरी को 1319 स्वास्थ्यकर्मियों ने टीके लगाए थे जबकि दूसरे चरण में सिर्फ 59 लोगों को टीके लगे।

इस वक्त भारत में दो वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है- ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशिल्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। इन दोनों वैक्सीन को दो डोज लगाई जा रही है। पहले और दूसरे डोज़ के बीच चार हफ्तों का अंतर रखने को कहा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि बिना दो डोज के इस वैक्सीन का असर नहीं दिखेगा। बता दें कि देश भर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां वैक्सीन की एक डोज लगने के बाद लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। इसने सरकार की चिंता और बढ़ा दी है।

 

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