पूर्व सभापति अरोरा ने कैंप क्षेत्र के सभी वार्डों में अलग से प्रत्याशी उतारने के दिए संकेत

भिलाई – नगर निगम भिलाई का चुनाव कॉंग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं रहने वाला है।  इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं। चुनाव के तारीखों की घोषणा भी नहीं हुई है। और अभी से ही कॉंग्रेस के कई नेता बागी तेवर दिखाने लगे हैं। इसकी शुरुआत निगम के पूर्व सभापति एवं वरिष्ठ कॉंग्रेस नेता राजेन्द्र अरोरा ने कर दी है। उन्होंने कैंप क्षेत्र के बैकुंठधाम में अपने पुराने वार्डवासियों की बैठक बुलाकर ऐलाने जंग करते हुए चुनाव में कॉंग्रेस से अलग रास्ता अपनाने और कैंप क्षेत्र के सभी वार्डों में अलग से प्रत्याशी उतारने के साफ संकेत दे दिए हैं।
पूर्व सभापति राजेन्द्र अरोरा ने 14 मार्च को बैकुंठधाम क्षेत्र के मतदाताओं की बैठक बुलाकर साफ संकेत दे दिए है कि वे इस बार निगम चुनाव में न तो चुप बैठने वाले है और न ही टिकट के लिए कॉंग्रेस का मोहताज रहने वाले है ! उनके द्वारा बुलाई गई बैठक में वार्डवासियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। खासकर महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थी।  अरोरा ने बैठक में उपस्थित वार्डवासियों से कहा कि उनके आशीर्वाद से ही पिछले 15 वर्षों से वे वार्ड के लोगों की सतत सेवा तथा वार्ड का विकास करते आ रहे हैं। जब तक वार्ड के लोगों का आशीर्वाद उनके साथ है तब तक उन्हें और बैकुंठधाम की जनता के अटूट संबंध को कोई नहीं तोड़ सकता।

दरअसल राजेन्द्र अरोरा के इस बगावती तेवर का मुख्य कारण उनके राजनीतिक अस्तित्व से जुड़ा हुआ है। अरोरा का कैंप क्षेत्र के बैकुंठधाम एवं आसपास के वार्डों में अच्छा प्रभाव माना जाता है। कॉंग्रेस पार्टी का पिछले निगम चुनावों में वैशाली नगर क्षेत्र के वार्डों में कभी भी अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा।  किन्तु कैंप क्षेत्र के वार्डों में कॉंग्रेस हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन करते आई है। इसके पीछे इस क्षेत्र में राजेन्द्र अरोरा का प्रभाव एवं उनकी मजबूत टीम को माना जाता है। इस बार के वार्ड परिसीमन में कैंप क्षेत्र में वार्डों का परिसीमन इस तरह किया गया है जिससे प्रमुख रूप से अरोरा के प्रभाव वाले वार्ड सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। उनके पुराने बैकुंठधाम वार्ड को दो हिस्सों में बांट दिया गया है।  वहीं वार्डों के आरक्षण में उनके प्रभाव वाले सभी वार्ड आरक्षण के श्रेणी में आ गए हैं।  अब इस क्षेत्र में अरोरा के चुनाव लड़ने कोई वार्ड नहीं बचा है। अपनी ही पार्टी के शासन के रहते उनके साथ हो रहे इस राजनीतिक साजिश ने अरोरा को बागी तेवर अपनाने के लिए विवश कर दिया है। तथा अरोरा पूरी तरह बगावत पर उतार आए हैं। बैकुंठधाम क्षेत्र में बैठक के बाद वे कैंप क्षेत्र के सभी 9-10 वार्डों में भी वार्डवासियों की बैठक लेने वाले है। इन बैठकों के माध्यम से क्षेत्र के मतदाताओं को स्पष्ट संदेश देने की कोशिश है कि इस बार की चुनाव में कॉंग्रेस को नहीं बल्कि कॉंग्रेस से अलग रास्ता अपनाकर केंप क्षेत्र के सभी वार्डों में अपना प्रत्याशी उतारने जा रहे हैं।लोगों का मानना है कि अरोरा की यह रणनीति और बगावत काम कर गई तो इस बार के चुनाव में वैशाली नगर क्षेत्र के 37 वार्डों में कॉंग्रेस के लिए आधा दर्जन वार्ड भी जीतने के लाले पड़ जाएंगे। क्योंकि यदि कैंप क्षेत्र में कॉंग्रेस को नुकसान होता है तो उसकी भरपाई अन्य वार्डों से नहीं हो पाएगी।