कोचेना मार्ग के जंगल मे लगी आग, बेखबर वन विभाग की टीम

giriyaband

गरियाबंद: वन विभाग द्वारा हर वर्ष गर्मी के मौसम के पहले ही हजारों रुपये खर्च कर जंगलों में आग लगने से बचाने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाता है ,वही सैकड़ो कर्मचारी फायर वाचर के रूप में पदस्थ भी होते है जिनके नाम से लाखों रुपये का भुगतान भी होता है ,फिर भी जंगलों में आग लगने की घटना लगातार बढ़ रही है ।

जिसमें आज मंगलवार को शाम गरियाबंद जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर कोचेना ग्राम जाने के मार्ग में दोनो तरफ भीषण आग लगी है। जिसे बुझाने वाला कोई नजर नही आया ,जबकि जंगल के हर क्षेत्र के लिए फायर वाचर की नियुक्ति होती है जिनका काम वनों में आग लगने से रोकना और लगे आग को बुझाना होता है।

इसी तरह बीते सोमवार के रात उरतुली सागौन प्लांटेशन का जहाँ किसी के द्वारा आग लगा दिया गया है ,उसे बुझाने वन विभाग को काफी मशक्कत करनी पडी है । आपको बता दे कि तेंदूपत्ता तोड़ाई के मौसम आने के पहले शरारती तत्वों के द्वारा जंगल मे आग लगा देते है जिससे वनो में तेंदूपत्ता तोडऩे में आसानी होती है लेकिन उनकी एक लापरवाही से सैकड़ो अकड़ का जंगल जलकर उनमें लगे पेड़ पौधे जल जाते है

वही जीवजन्तु भी मर जाते है ,और इतने बड़े होली के त्योहार में सभी अपने परिवार के साथ है तो वह विभाग के कर्मचारी जंगल मे आग बुझा रहे है ।ये घटना है उरतुली सागौन प्लांटेशन का जहाँ किसी के द्वारा आग लगा दिया गया है ,उसे बुझाने वन विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है ।