यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल होने पर बैंक रोजाना आपके खाते में डालेगा 100 रु.
नई दिल्ली:- बैंकों द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों के बावजूद ग्राहकों के समक्ष कोई ना कोई समस्या आ ही जाती है। कई बार ऐसा भी होता है कि जब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) या आईएमपीएस के जरिए किया गया लेनदेन फेल हो जाता है। ग्राहकों के खाते से कटे पैसे समय पर वापस नहीं आते हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौरान देश में ऑनलाइन पेमेंट तेजी से बढ़ा है। इस दौरान कई लोगों ने यूपीआई के जरिए लेनदेन किया। लेकिन लेनदेन फेल होने की वजह से नुकसान भी हुआ। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बनाया गया यह नियम आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कैसे।
बैंक रोजाना देगा 100 रुपये
अगर आपका यूपीआई ट्रांजैक्शन फेल हो जाता है और खाते से कटे पैसे तय समय पर वापस नहीं आए हैं, तो बैंक रोजाना आपको 100 रुपये का हर्जाना देगा। जी हां, सितंबर 2019 में केंद्रीय बैंक ने फेल्ड ट्रांजैक्शन को लेकर नया सर्कुलर जारी किया था, जिसके अनुसार पैसे के ऑटो रिवर्सल को लेकर टाइम फ्रेम सेट किया गया है। यदि इस समयसीमा के अंदर ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट या रिवर्सल नहीं होता है तो बैंक को ग्राहकों को मुआवजा देना पड़ता है। समयसीमा खत्म होने के बाद ग्राहकों को प्रतिदिन 100 रुपये का मुआवजा मिलता है।
आरबीआई के सर्कुलर के अनुसार, अगर यूपीआई के जरिए किया गया लेनदेन फेल होता है और ग्राहक के खाते से पैसे कट जाते हैं, लेकिन लाभार्थी के खाते में पैसा क्रेडिट नहीं होते हैं, तो ऑटो-रिवर्सल लेनदेन की तारीख से T+1 दिन में पूरा हो जाना चाहिए। इधर T का अर्थ लेनदेन की तारीख है।
यानी अगर किसी ग्राहक का लेनदेन आज फेल हुआ है, तो उसके अगले कारोबारी दिन तक खाते में पैसे वापस आ जाने चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता, तो अधिक देरी के लिए बैंकों को रोजाना 100 रुपये मुआवजे के तौर पर देने होते हैं।
अगर आपका भी यूपीआई के जरिए लेनदेन फेल हुआ है और पैसा वापस नहीं आया है, तो आप सर्विस प्रोवाइडर से इसकी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए आपको रेज डिस्प्यूट पर जाना होगा। प्रोवाइडर आपकी शिकायत को सही पाने पर पैसा लौटा देगा। वहीं, अगर अगर शिकायत करने बाद भी बैंक से कोई जवाब नहीं मिलता है तो आप आरबीआई के डिजिटल ट्रांजैक्शन, 2019 के ओम्बड्समैन स्कीम के तहत भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस एक अंतर बैंक फंड ट्रांसफर की सुविधा है, जिसके जरिए स्मार्टफोन पर फोन नंबर और वर्चुअल आईडी की मदद से पेमेंट की जा सकती है। यह इंटरनेट बैंक फंड ट्रांसफर के मकैनिज्म पर आधारित है। एनपीसीआई के द्वारा इस सिस्टम को कंट्रोल किया जाता है। यूजर्स यूपीआई से चंद मिनटों में ही घर बैठे ही पेमेंट के साथ मनी ट्रांसफर करते हैं।