लापता सिपाही नक्सलियों के कब्जे में हैं, सोशल मीडिया से मिली जानकारी – आईजी

जगदलपुर:-  नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में शनिवार को 700 सुरक्षाकर्मियों को घेर कर किए गए नक्सलियों के हमले में 22 जवान शहीद हो गए। हमले के बाद से कई जवान अभी तक लापता हैं। रेस्क्यू टीम लापता जवानों में जुटी हुई है। बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कहा कि सुरक्षाबलों की नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद से लापता जवान नक्सलियों के कब्जे में हैं, सोशल मीडिया से यह जानकारी मिली है।

आईजी पी. सुंदरराज ने कहा, ”हमें सोशल मीडिया के जरिये पता चला है कि उनका नक्सलियों ने अपहरण कर लिया है। हम जानकारी को सत्यापित करेंगे और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।”

ज्ञात हो कि  नक्सल प्रभावित बीजापुर में शनिवार को नक्सलियों ने 700 से अधिक जवानों को घेर कर हमला किया। बीजापुर एसपी ने रविवार को बताया कि नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए हैं और कई जवान अब भी लापता हैं। नक्सलियों ने दो दर्जन से अधिक सुरक्षाकर्मियों के हथियार भी लूट लिए। इस मुठभेड़ में 25-30 से ज्यादा नक्सली भी मारे गए।

मुख्यमंत्री-रक्षामंत्री को बुलाने पर अड़े शहीद के परिजन

नक्सली हमले में चंदौली के लाल शहीद कोबरा बटालियन के कमांडो धर्मदेव का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह ठेकहां गांव पहुंच गया। इस दौरान गांव के हजारों लोगों ने शहीद को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। लेकिन परिवार का कोई भी सदस्य शहीद को देखने नहीं आया। शहीद का पार्थिव शरीर पिछले दो घंटे से गांव में रखा हुआ है। परिजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को बुलाने की मांग पर अड़े हुए हैं। कहना है कि उनके आने के बाद ही पार्थिव शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शहीद का पार्थिव शरीर।

शहीद धर्मदेव कुमार का पार्थिव शरीर आज सुबह 10:20 बजे बड़ागांव थाना क्षेत्र के गांव ठेकहां पहुंचा था। शहीद के पार्थिव शरीर को उनके घर के आगे मैदान में रखा गया है। दोपहर के 12:20 तक धर्मदेव के माता-पिता और पत्नी सहित परिवार में से कोई भी सदस्य शहीद को देखने नहीं आया है।

मौके पर जिला अधिकारी संजीव सिंह, एसपी अमित कुमार सहित आला अधिकारी मौजूद हैं। अधिकारी बार-बार परिवार से अंतिम संस्कार का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन परिजन नहीं मान रहे हैं। वहीं मौके पर स्थानीय विधायक और सांसद के नहीं पहुंचने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। शहीद का पार्थिव शरीर अभी भी गांव के चौराहे पर रखा है, लेकिन वहां उनके परिवार का कोई भी सदस्य मौजूद नहीं है। इसके पहले सोमवार की शाम रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद के पिता रामेश्वर गुप्ता से बात की और ढांढस बंधाया। वहीं, शहीद की पत्नी मीना दो बेटियों ज्योति और साक्षी के साथ बेसुध पड़ी हैं।

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार(32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए थे। परिजनों ने बताया कि शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था। परिजनों ने बताया कि होली के दस दिन पहले ही जल्द लौटने का वादा कर धर्मदेव गांव से गया था। क्या पता था उसके आने से पहले उनकी शहादत की खबर मिलेगी। धर्मदेव की शादी रामनगर के मन्नापुर में मीना देवी से हुई थी।

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के बीजापुर के तरेम थाना के जोन्नगुड़ा जंगल में शनिवार दोपहर में हुए नक्सली हमले में चंदौली का लाल धर्मदेव कुमार(32) पुत्र रामाश्रय गुप्ता भी शहीद हो गए थे। परिजनों ने बताया कि शहाबगंज थाना के ठेकहां बड़ागांव निवासी किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था। परिजनों ने बताया कि होली के दस दिन पहले ही जल्द लौटने का वादा कर धर्मदेव गांव से गया था। क्या पता था उसके आने से पहले उनकी शहादत की खबर मिलेगी। धर्मदेव की शादी रामनगर के मन्नापुर में मीना देवी से हुई थी।

दो बेटियां ज्योति (8) और साक्षी (2) हैं। पत्नी मीना गर्भवती हैं। हमले की खबर मिलते ही परिवार वालों में सन्नाटा पसर गया। रविवार की शाम शहादत की खबर मिलते ही छोटा भाई भी घर के लिए चल चुका था। छोटा बेटा भी छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ में तैनात है।

धर्मदेव के बचपन के मित्र गांव निवासी इनाम खान, राजीव, गुड्डू आदि ने बताया कि शुरुआती शिक्षा के बाद वह पढ़ाई के साथ दौड़ आदि पर ध्यान देने लगे। यही नहीं अपने सबसे छोटे भाई धनंजय को भी प्रेरित करते थे। इसका नतीजा यह रहा कि दोनों भाई वर्ष 2012-13 में सीआरपीएफ में भर्ती हो गए। मझले भाई आनंद गुप्ता परचून की दुकान चलाते हैं।

 

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