मनरेगा के अंतर्गत वर्ष 2021-22 के लिए 13.50 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत
रायपुर। भारत सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु साढ़े 13 करोड़ मानव दिवस का लेबर बजट स्वीकृत किया गया है। विगत 1 अप्रैल से शुरू नए वित्तीय वर्ष में बालोद जिले के लिए 66 लाख 31 हजार, बलौदाबाजार-भाटापारा के लिए 67 लाख 67 हजार, बलरामपुर-रामानुजगंज के लिए 49 लाख 82 हजार, बस्तर के लिए 22 लाख 12 हजार, बेमेतरा के लिए 34 लाख 14 हजार, बीजापुर के लिए 21 लाख 83 हजार, बिलासपुर के लिए 55 लाख 23 हजार, दंतेवाड़ा के लिए 16 लाख 81 हजार, धमतरी के लिए 59 लाख 35 हजार, दुर्ग के लिए 33 लाख 48 हजार, गरियाबंद के लिए 60 लाख 44 हजार, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के लिए 28 लाख 52 हजार, जांजगीर-चांपा के लिए 48 लाख 33 हजार और जशपुर के लिए 53 लाख एक हजार मानव दिवस रोजगार सृजन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने उम्मीद जताई है कि छत्तीसगढ़ हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मनरेगा के क्रियान्वयन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल रहेगा। पंचायत प्रतिनिधियों की जागरूकता और मनरेगा के मैदानी अमले की सक्रियता से गांवों में जरूरतमंदों को रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष की शुरूआत से ही योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने चालू वित्तीय वर्ष में कांकेर के लिए 63 लाख 99 हजार, कबीरधाम के लिए 83 लाख 59 हजार, कोंडागांव के लिए 24 लाख 13 हजार, कोरबा के लिए 34 लाख 35 हजार, कोरिया के लिए 53 लाख 24 हजार, महासमुंद के लिए 56 लाख 61 हजार, मुंगेली के लिए 40 लाख 41 हजार, नारायणपुर के लिए आठ लाख 12 हजार, रायगढ़ के लिए 35 लाख 53 हजार, रायपुर के लिए 45 लाख 68 हजार, राजनांदगाव के लिए एक करोड़ 45 लाख 13 हजार, सुकमा के लिए 33 लाख 64 हजार, सूरजपुर के लिए 70 लाख 50 हजार और सरगुजा जिले के लिए 38 लाख तीन हजार मानव दिवस का लेबर बजट मंजूर किया है।